जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन फारूक अब्दुल्ला ने कुपवाड़ा हमले पर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि मुस्लिमों को बदनाम करने के लिए कुपवाड़ा हमले की आवश्यकता से अधिक चर्चा की जा रही है. कुपवाड़ा हमले पर हो रही बहस को मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए किया जा रहा षड्यंत्र बताते हुए फारूक ने कहा कि सुकमा हमले पर वैसा शोरगुल नहीं हो रहा, जैसा कुपवाड़ा पर किया जा रहा है.
बता दें कि गुरुवार को उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में आतंकियों ने एक सैन्य शिविर पर हमला बोल दिया था, जिसमें एक कैप्टन समेत तीन सैन्यकर्मी शहीद हो गए और पांच सैनिक घायल हो गए. जैश-ए-मोहम्मद के दो संदिग्ध आतंकी जवाबी कार्रवाई में मारे गए थे. जबकि सोमवार को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के चिंतागुफा के दोरनापाल के इलाके में नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए थे.
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'छत्तीसगढ़ में मारे गए सीआरपीएफ के 25 जवानों पर बहुत ज्यादा चर्चा नहीं हो रही, जबकि कुपवाड़ा में मारे गए सेना के तीन जवानों पर शोरगुल हो रहा है. ये सब मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए किया जा रहा है'.
श्रीनगर में हुए लोकसभा उपचुनाव में जीत हासिल कर संसद पहुंचे फारूक अब्दुला के बयानों पर पहले भी विवाद हो चुका है. हाल ही में उन्होंने कहा कि था कि कश्मीर के पत्थरबाज युवक घाटी में टूरिज्म के लिए अपनी जान नहीं दे रहे हैं, वे कश्मीर की समस्या का हल चाहते हैं. वे कश्मीर की समस्या का ऐसा हल चाहते हैं, जो वहां के लोगों को स्वीकार हो. अब्दुल्ला के बयान को कश्मीर के पत्थरबाजों युवकों का समर्थन माना गया था और इस पर काफी विवाद हुआ था.