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फारूक अब्दुल्ला ने रसोई गैस सब्सिडी के लिए आवेदन किया, पीडीपी ने की आलोचना

सरकार ने रसोई गैस पर सब्सि‍डी दी ताकि लोगों के घर में चूल्हा जल सके. नरेंद्र मोदी सत्ता में आए तो समृद्ध लोगों से सब्सि‍डी छोड़ने की अपील भी की, लेकिन यह दिलचस्प है कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने हाल ही रसोई गैस सब्सिडी के लिए आवेदन किया है. मौका मिला है तो विरोधि‍यों ने भी उनकी आलोचना शुरू कर दी है.

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला

सरकार ने रसोई गैस पर सब्सि‍डी दी ताकि लोगों के घर में चूल्हा जल सके. नरेंद्र मोदी सत्ता में आए तो समृद्ध लोगों से सब्सि‍डी छोड़ने की अपील भी की, लेकिन यह दिलचस्प है कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने हाल ही रसोई गैस सब्सिडी के लिए आवेदन किया है. मौका मिला है तो विरोधि‍यों ने भी उनकी आलोचना शुरू कर दी है.

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मुख्य विपक्षी दल नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष अब्दुल्ला ने दुर्गा नाग में सुपर गैस सर्विस को गैर आधार कार्ड आधारित एलपीजी सब्सिडी स्थानांतरण का एक फॉर्म इस साल 14 अगस्त को जमा करवाया था. एचपी गैस की इस वितरक कंपनी के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है. पिछले साल लोकसभा चुनाव में उन्होंने 10 लाख रुपये से अधिक की सालाना आय और 13 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की थी.

हालांकि, फारूक अब्दुल्ला वह चुनाव हार गए थे और उन्हें अपने 35 साल के राजनीतिक जीवन में पहली बार चुनावी हार का सामना करना पड़ा था. इस मुद्दे पर अब्दुल्ला से प्रतिक्रिया हासिल करने के प्रयास सफल नहीं हो सके क्योंकि उनके स्टाफ ने बताया कि वह एक बैठक में व्यस्त हैं. सत्तारूढ़ पीडीपी के प्रवक्ता वहीदुर्र रहमान पारा ने उनकी बड़ी संपत्ति होने के बावजूद एलपीजी सब्सिडी मांगने के लिए अब्दुल्ला की आलोचना की.

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छह साल तक निशुल्क गैस की पेशकश
पारा ने कहा, 'अब्दुल्ला समझते हैं कि वह एक शहजादे हैं. उनके परिवार ने काफी संपत्ति जमा की है फिर भी वह सब्सिडी मांग रहे हैं. यदि वह इतने गरीब हैं तो हम उन्हें छह साल के लिए निशुल्क गैस आपूर्ति की पेशकश करते हैं.'

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री कई माह से इस बात की अपील कर रहे हैं कि संपन्न लोगों को रसोई गैस सब्सिडी छोड़ देनी चाहिए ताकि इसका लाभ जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जा सके. इस अपील पर पहले प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अब्दुल्ला ने जुलाई में कहा था कि इसे सांसदों की अंतरात्मा पर छोड़ देना चाहिए कि क्या वह रसोई गैस साब्सिडी लेना चाहते हैं या नहीं.

-इनपुट भाषा से

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