जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी के बीच गठबंधन टूटने के बाद अब नए समीकरण के कयास लगाए जा रहे हैं. कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच नजदीकियां बढ़ती जा रही हैं.
दरअसल, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के भाई मुस्तफा कमाल ने अपने बयान में कश्मीर में राजनीति के नए समीकरण का संकेत दिए हैं. उनका कहना है कि घाटी में बिगड़े हालात को लेकर कांग्रेस के नेताओं को नहीं ठहराया जा सकता है.
मुस्तफा कमाल ने कहा, 'कश्मीर में आतंकवाद के लिए केवल बीजेपी और पीडीपी जिम्मेदार है. कांग्रेस को किसी तरह से जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.' वह कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सैफुद्दीन सोज का बचाव करते दिखे.
उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को घाटी में हिंसा के जिम्मेदार ठहराया. एक तरह से नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कांग्रेस के लिए लचीलापन रुख अपनाकर नए समीकरण को हवा दे दी है. हालांकि इसपर अभी केवल कयास ही लगाए जा रहे हैं.
गौरतलब है 87 सदस्यीय विधानसभा में सबसे ज्यादा पीडीपी की 28 सीटें हैं, जबकि बीजेपी के 25 सदस्य हैं. वहीं एनसी की 15 और कांग्रेस की 12 सीटें हैं. ऐसे में पीडीपी का साथ लेकर एनसी-कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में सरकार बना सकती है. लेकिन ताजा राजनीतिक हालात में ये संभव नहीं लगता है.