जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि स्मार्टफोन का गलत इस्तेमाल और नशा युवाओं के लिए एक बड़ा खतरा बनकर उभर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू और कश्मीर में युवा एक ही समय में असुरक्षा और बेरोजगारी से लड़ रहे हैं.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य ने बड़गाम जिले के मागम में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में मादक पदार्थों का इस्तेमाल बड़े स्तर पर हो रहा है. यह हम सभी के लिए चिंता का विषय होना चाहिए. ऐसी घटनाओं को रोकने की दिशा में पहला कदम हम सभी के चिंतन से शुरू होता है. जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी है.’
उन्होंने कहा कि अगर यह सिलसिला जारी रहा तो युवाओं का भविष्य काफी अंधकारमय हो जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार के लिए समय आ गया है कि वह नशे की लत के मुद्दे के बारे में अपनी सोच को बदले और इसे कानून व्यवस्था के मुद्दे के बजाय एक बीमारी के रूप में देखना शुरू करे.
स्थानीय मीडिया के मुताबिक फारूक अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर में अधिकारियों ने लोगों को ‘भय और आतंक’ में रखने के लिए एक प्रणाली स्थापित की है. उन्होंने कहा कि आवाज उठाने और सच बोलने पर पूरी तरह प्रतिबंध है. लोगों को सच बोलने से दूर रखने के लिए जम्मू-कश्मीर में ‘भय और आतंक’ की स्थिति पैदा की गई है. प्रेस की आजादी का गला घोंट दिया गया है.