बॉलीवुड अभिनेत्री ज़ायरा वसीम ने इस्लाम का हवाला देकर फिल्मों को अलविदा कह दिया. इसपर एक तीखी बहस छिड़ गई है, हर कोई अपने-अपने तर्क रख रहा है. इस बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि इस्लाम काफी लिबरल धर्म है, ये किसी को कोई भी काम करने से नहीं रोकता है. उन्होंने कहा कि ज़ायरा का फिल्मों को छोड़ने का निर्णय सही नहीं है.
हालांकि, इसी के साथ फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि क्या पता उनके (ज़ायरा) बॉयफ्रेंड या फिर होने वाले पति ने उन्हें फिल्में छोड़ने के लिए कह दिया हो. अब्दुल्ला बोले कि अगर मैं उन्हें कभी मिलूंगा तो उन्हें ज़रूर बोलूंगा कि वह काफी अच्छा काम कर रही थीं.
उनके निर्णय की आलोचना करने के साथ-साथ फारूक अब्दुल्ला ने ये भी कह दिया कि ये उनकी पर्सनल च्वाइस है. उन्होंने कहा कि बॉलीवुड में काम करने से कोई गैरमुस्लिम नहीं बन जाता है.
दंगल गर्ल के नाम मशहूर जायरा वसीम ने रविवार को इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट करते हुए बॉलीवुड छोड़ने का ऐलान किया था. उन्होंने लिखा था कि 5 साल पहले मैंने एक ऐसा फैसला लिया था, जिसने मेरी ज़िंदगी बदल दी. लेकिन उन्हें लगता है वह ईमान से भटक गई थीं, इसलिए वह इस क्षेत्र को छोड़ने का फैसला करती हैं.
जायरा के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर एक तीखी बहस शुरू हो गई थी. कुछ सेलेब्स ने जायरा के निर्णय को सराहा और कहा कि वह खुद क्या करना चाहती हैं इसके लिए आज़ाद हैं. तो वहीं कुछ ने धर्म के नाम पर काम छोड़ने को बेतुकी बात बताया.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और फारूक अब्दुल्ला के बेटे उमर अब्दुल्ला ने भी जायरा के फैसले पर ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा था कि जायरा के फैसले पर टिप्पणी करने वाले हम कौन होते हैं, वह अपनी ज़िंदगी के साथ क्या करना चाहती हैं यह उनका निजी मामला है.
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