नेशलन कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि केंद्र सरकार को चीन की तरह पाकिस्तान से भी बातचीत करनी चाहिए. यह सच है कि आतंकवाद आज भी मौजूद है. वह जब कहते हैं कि इसका खात्मा हो गया है तो वे गलत कहते हैं. मुझे अटल बिहारी वाजपेयी की टिप्पणी याद है कि दोस्त बदले जा सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं.
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मसला बड़ा है, बातचीत फिर से शुरू होगी क्योंकि सीमा निर्धारित नहीं है. दोनों देशों को बैठकर सीमा को तय करना पड़ेगा. यह मसला खत्म हो जाए, उससे दोनों देश खुश रहेंगे. दोनों ताकतवर देश हैं और दोस्ती में तरक्की करेंगे.
आगे उन्होंने कहा कि जिस तरह से सरकार ने चीन से बात की और उसने एलएसी से अपने सैनिक हटा लिए, उसी तरह पाकिस्तान से भी बात हो. इससे पहले पीडीपी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि जम्मू कश्मीर मुद्दे का हल भारत और पाकिस्तान के बीच सिर्फ बातचीत के जरिए हो सकता है.
It's true that terrorism still exists. They are wrong when they say that it has ended. If we want to end terrorism, then we must speak to our neighbours. I remember Vajpayee's remark that friends can be changed but not neighbours: National Conference leader Farooq Abdullah (1/2) pic.twitter.com/Cc6hpjIZxl
— ANI (@ANI) February 21, 2021
महबूबा ने कुपवाड़ा जिले के जिरहामा इलाके का दौरा करने के बाद कहा था कि केंद्र सरकार को वार्ता प्रक्रिया में केंद्र शासित प्रदेश के लोगों को भी शामिल करना चाहिए. वह शुक्रवार को आतंकवादी हमले में मारे गये एक पुलिसकर्मी के परिवार से मिलने के लिए वहां गई थीं. इस दौरान उन्होंने बातचीत की बात कही थी.