श्रीनगर के पास शुक्रवार शाम एसएसबी के काफिले पर हुए आतंकी हमले में शहीद जवान को शनिवार को अंतिम विदाई दी गई. श्रीनगर के बाहरी इलाके जकूरा में सीआरपीएफ कैंप के पास आतंकियों ने एसएसबी के काफिले पर आतंकी हमला किया था. इस हमले में एक जवान शहीद हो गया था और 8 जवान घायल हुए थे. आतंकी संगठन उमर मुजाहिदीन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.
एसएसबी काफिले को बनाया था निशाना
शुक्रवार शाम जब एसएसबी के जवान ड्यूटी से लौट रहे थे तभी आतंकियों ने काफिले को निशाना बनाया. एसएसबी के आईजी दीपक कुमार ने बताया कि शाम 7.30 बजे के आसपास एसएसबी की पेट्रोलिंग पार्टी पर आतंकियों ने फायरिंग की. जवानों ने जवाबी कार्रवाई की लेकिन आम लोगों की मौजूदगी का फायदा उठाकर आतंकी भागने में कामयाब रहे. सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके में आतंकियों की खोजबीन शुरू कर दी.
जरगर का भूत फिर निकल कर आया सामने
इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन उमर मुजाहिदीन ने ली है. ये संगठन कंधार कांड के बाद छोड़े गए तीन आतंकियों में से एक मुश्ताक जरगर का है. अचानक 17 साल बाद आतंकी जरगर की आहट घाटी में सुने जाने से सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं.
कौन है जरगर
इस हमले की जिम्मेदारी अल उमर मुजाहिदीन नाम के आतंकी संगठन ने ली है. उसका सरगना है मुश्ताक जरगर. यह वही जरगर है जिसे 1999 के कंधार विमान हाईजैक के बाद छोड़ा गया था. इसमें तीन आतंकियों को छोड़ा गया था. 15 साल तक आतंक के पाताल लोक में रहने के बाद जरगर फिर बाहर आया है. एसएसबी के आईजी दीपक कुमार ने बताया कि आतंकियों की तरफ से करीब 50 राउंड फायरिंग की गई. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने एसएसबी डीजी से बात की. शनिवार को डीजी घटनास्थल का दौरा करेंगे.
पंपोर में 60 घंटे तक चला था एनकाउंटर
इससे पहले इसी हफ्ते जम्मू कश्मीर के पंपोर में सुरक्षा बलों और एंटरप्रेन्योर डिवेलपमेंट इंस्टीट्यूट (ईडीआई) इमारत में छुपे आतंकियों के बीच मुठभेड़ 60 घंटे तक चली. इसमें दो आतंकी मारे गए. 60 घंटे तक चले अभियान में यह बहुमंजिली इमारत खंडहर में तब्दील हो गई थी, क्योंकि इसकी अधिकतर दीवारें गिर चुकी थीं.