बकरीद के मौके मंगलवार को जहां कश्मीर के हालात को लेकर एक तरफ सुरक्षा बलों को शांति बनाने के लिए पूरे निर्देश दिए गए थे, वहीं केंद्र सरकार भी कश्मीर की स्थिति पर पूरी नजर रखे हुए थी. गृह मंत्रालय के अधिकारी कश्मीर की स्थिति को देखते हुए बकरीद की आधिकारिक छुट्टी होने के बावजूद भी कार्यालय में मौजूद रहे.
गृह सचिव राजीव महर्षि, ज्वॉइंट सेक्रेटरी जम्मू-कश्मीर डिवीजन नॉर्थ ब्लॉक में स्थिति को मॉनिटर करने के लिए मौजूद रहे. बता दें कि सोमवार की शाम भी गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एनएसए अजीत डोभाल और आईबी चीफ के बीच कश्मीर के हालात को लेकर बैठक हुई, जिसमें सुरक्षा बलों को सुरक्षा चाक चौबंद करने के निर्देश थे.
दो प्रदर्शनकारियों की मौत
उधर, कश्मीर घाटी में हिंसा का दौर अभी भी शांत नहीं हुआ है. बांदीपोरा और शोपियां में जहां प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प में दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है, वहीं बांदीपोरा के अलावा श्रीनगर में भी कई जगह हिंसा हुई है. कई वर्षों बाद यह पहला मौका है जब घाटी में ईद के मौके पर 10 जिलों में कर्फ्यू लगा. घाटी में निगरानी के लिए हेलीकॉप्टरों और ड्रोन को भी तैनात किया गया. कुछ इलाकों में लोगों के जुटने पर ड्रोन ने सुरक्षा बलों को पहले ही चेतावनी दे दी, जिसके बाद वहां भी तैनाती कर दी गई.
हजरतबल मस्जिदों में नहीं अदा की गई नमाज
अलगाववादियों की ओर से हिंसा की आशंका के बीच सुरक्षा बल बड़ी संख्या में सड़कों पर तैनात किए गए. जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के उभार के बाद इस साल हालात को देखते हुए ऐसा पहला मौका था, जब ईदगाह और हजरतबल मस्जिदों में ईद की नमाज आयोजित नहीं की गई. लोगों को स्थानीय मस्जिदों में नमाज अदा करने की इजाजत दी गई थी और ये कहा गया था कि परिवार वालों के साथ ईद मनाएं तो ज्यादा बेहतर होगा.
तनावपूर्ण स्थिति के कारण सरकार पहले ही सभी टेलीकॉम नेटवर्कों की इंटरनेट सेवाओं को बंद करने के आदेश दे चुकी है. सरकारी दूरसंचार सेवा बीएसएनएल के अलावा सभी नेटवर्कों की मोबाइल सेवा भी अगले कुछ दिन तक बंद रहेगी.