जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और पुलवामा के जिला अध्यक्ष मोहम्मद खलील बंद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. खलील पूर्व विधायक भी रह चुके हैं. एक खत में खलील ने बताया कि कैसे पार्टी ने मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद मूल सिद्धांतों के साथ समझौता किया. उन्होंने बताया कि पार्टी के वरिष्ठ चेहरों को फैसला लेने वाली प्रक्रिया से दरकिनार कर दिया गया और निहित स्वार्थों के लिए खुद को तबाह करने वाले फैसले लिए गए.
उन्होंने बताया कि पार्टी ने अनुभवी और बुद्धिजीवियों को नजरअंदाज कर उन्हें प्रताड़ित किया. इसके बाद वे पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के कार्यकाल में घुटन महसूस करने लगे. खलील बंद पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं. वे दक्षिण कश्मीर से आते हैं, जहां के इलाके ज्यादातर आतंक की चपेट में हैं.
मोहम्मद खलील बंद का खत
सरकार में रहते हुए वह कई अहम विभागों का कामकाज देख चुके हैं. खलील ने पार्टी कार्यकर्ताओं का आभार जताया और कहा कि वे उन्हें कभी झुकने नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के हितों और लोगों के जज्बातों को देखते हुए उनके पास पार्टी छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में पीडीपी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था. 6 लोकसभा सीटों में से एक भी सीट पार्टी जीत नहीं पाई थी. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को अगले गढ़ अनंतनाग में हार का सामना करना पड़ा. 6 में से तीन सीट नेशनल कांफ्रेंस और 3 सीट बीजेपी ने जीती थीं.