जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को कमजोर किए जाने का कांग्रेस पार्टी विरोध कर रही है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद आज पार्टी के नेताओं के साथ बैठक करने के लिए श्रीनगर पहुंचे. लेकिन प्रशासन ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया और श्रीनगर एयरपोर्ट पर ही रोक दिया. आजाद को अब विस्तारा की अगली फ्लाइट से वापस दिल्ली भेजा जाएगा.
गुलाम नबी आजाद को दोपहर 3.30 बजे की फ्लाइट से दिल्ली वापस भेजा जा रहा है. उनके साथ जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर भी आज सुबह ही श्रीनगर पहुंचे थे. यहां गुलाम नबी आजाद को स्थानीय कांग्रेस नेताओं के साथ कश्मीर के हालात पर बैठक करनी थी.
गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में भी मोदी सरकार का पुरजोर विरोध किया था और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले को गैर संवैधानिक करार दिया था.
#UPDATE: Congress MP and leader of Opposition in Rajya Sabha, Ghulam Nabi Azad is being sent back to Delhi. J&K Congress chief Ghulam Ahmed Mir and he were stopped at Srinagar airport today. https://t.co/znTJIonHwN
— ANI (@ANI) August 8, 2019
गुरुवार को श्रीनगर रवाना होने से पहले गुलाम नबी आजाद ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला था. उनका कहना था कि केंद्र ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को कर्फ्यू में रखकर ऐसा फैसला किया है, जो कि शर्मनाक है. इसके अलावा आजाद ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाना और आर्टिकल 370 को इस तरह कमजोर करना एक गैर-संवैधानिक फैसला है.
कांग्रेस कर रही है केंद्र के फैसले का विरोध
बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा और राज्यसभा में मोदी सरकार के फैसले का विरोध किया था और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल के विरोध में वोट किया था. कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मोदी सरकार के फैसले की ट्वीट कर आलोचना की थी और इस फैसले को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया था.
अगर कश्मीर की बात करें तो घाटी में अभी भी धारा 144 लगी हुई है और सुरक्षाबलों की भारी संख्या में तैनाती की गई है. जम्मू, श्रीनगर और लद्दाख तीनों ही इलाकों में धारा 144 लगी हुई है, हालांकि लोगों को जरूरत का सामान लेने के लिए बाजार में जाने की छूट दी गई है.
बता दें कि सुरक्षा के मद्देनजर घाटी में कई नेताओं को हिरासत में रखा गया है. पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, सज्जाद लोन समेत कई नेता अभी भी हिरासत में ही हैं.