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हंदवाड़ा केस: पीड़िता बोली- मैं चीखती रही, पुलिसवाले मेरे साथ ज्यादती करते रहे

नाबालिग लड़की ने सोमवार को मीडिया में कहा कि उसके साथ 12 अप्रैल को छेड़छाड़ करने वाला शख्स सेना का जवान ही थी.

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जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में बीते महीने लड़की से छेड़छाड़ की घटना के बाद भड़की हिंसा का मामला फिर गरमा सकता है. शुरुआत में लड़की ने बयान दिया था कि छेड़छाड़ करने वाला सेना का जवान नहीं था, लेकिन एक बार फिर वह बयान से मुकर गई है. उसने थाने में शिकायत देकर सेना के जवान और पुलिसकर्मियों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है.

नाबालिग लड़की ने सोमवार को मीडिया में कहा कि उसके साथ 12 अप्रैल को छेड़छाड़ करने वाला शख्स सेना का जवान ही थी. साथ ही उसने यह आरोप भी लगाया कि उसे पुलिस ने गलत बयान देने के लिए मजबूर किया था.

'वो आया और मेरा हाथ पकड़ लिया'
लड़की ने कहा, 'मैं बाथरूम गई. तभी बाहर से सेना का एक जवान आया और उसने मेरा हाथ पकड़ लिया. मैं वहां से बाहर भागी और दौड़ते हुए चिल्लाई. उसके बाद मुझे पुलिस स्टेशन ले जाया गया.'

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पुलिस अधिकारी पर भी लगाया आरोप
घटना के करीब एक महीने बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि लड़की ने मीडिया के सामने आकर बयान दिया है. उसने आरोप लगाया कि पुलिस उसे बार-बार हिरासत में लेकर एक जगह से दूसरे जगह शिफ्ट कर रही थी. उसने पुलिसवालों पर भी उत्पीड़न का आरोप लगाया है. लड़की ने कहा, 'पुलिसवालों ने मेरा उत्पीड़न किया. मैं बस रोती रही. वो बारी-बारी से आकर मेरे साथ ज्यादती करते रहे और मैं चीखती रही. उनमें से एक पुलिसवाला जो अधिकारी था वो मेरे पास आया और मुझ पर थूक कर चला गया.' लड़की ने पुलिस वाले का नाम मोहसिन बताया है.

एसपी ने जबरन रिकॉर्ड किया बयान
पुलिसवालों पर आरोप लगाते हुए लड़की ने यह भी कहा कि वे उसे पीटते थे और बयान बदलने के लिए मजबूर करते थे. लड़की ने कहा, 'उन्होंने मुझे मार-मारकर मजबूर किया कि किसी भी हालत में सच नहीं बताना है. फिर एरिया के एसपी ने आकर कहा कि वह मेरा बयान रिकॉर्ड करेगा. बयान में मैंने जो कुछ भी कहा वह सिर्फ जबरदस्ती कहलवाया गया.'

बता दें कि 12 अप्रैल को हुई घटना के बाद लड़की को प्रोटेक्टिव कस्टडी में रखा गया था और बीते सप्ताह ही छोड़ा गया है.

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