scorecardresearch
 

J-K: रजनी बाला के नाम पर होगा सरकारी स्कूल, आतंकियों ने कर दी थी हत्या

गोपालपोरा के सरकारी हाई स्कूल का नाम रजनी बाला के नाम पर होगा. आतंकियों ने रजनी बाला की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

Advertisement
X
रजनी बाला की मौत के बाद रोते-बिलखते परिजन
रजनी बाला की मौत के बाद रोते-बिलखते परिजन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रजनी बाला 27 साल बाद घर लौटी थीं 
  • 5 साल से गोपालपुर के स्कूल में पढ़ा रही थीं

कुलगाम में गोपालपोरा के सरकारी हाई स्कूल का नाम रजनी बाला के नाम पर होगा. उनके पति राजकुमार को आश्वासन दिया गया है कि उनकी सभी मांगों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जाएगा. जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि जिस स्कूल में रजनी बाला पढ़ाती थीं, उसका नाम अब उनके नाम पर रखा जाएगा.

Advertisement

बता दें कि पिछले दिनों आतंकियों ने रजनी बाला की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद घाटी में कश्मीरी पंडितो और हिंदुओं ने सुरक्षा की मांग की थी. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 1990 में हुए पलायन में रजनी के परिवार ने भी घाटी छोड़ दिया था. पलायन के 27 साल बाद रजनी वापस कश्मीर लौटी थीं. उन्हें केंद्र सरकार के पैकेज के तहत नौकरी दी गई थी.

गौरतलब है कि कश्मीर घाटी में गैर-मुस्लिमों की हत्या की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. पिछले दिनों आतंकियों ने एक सरकारी स्कूल की टीचर रजनी बाला की गोली मारकर हत्या कर दी थी. आतंकियों ने कुलगाम में स्कूल में पहुंचकर हिंदू टीचर रजनी बाला के सिर पर गोली मार दी थी. 

9 जून को स्कूल में 2 मिनट का मौन
जम्मू-कश्मीर सरकार ने रजनी बाला की मौत के दसवें दिन गुरुवार को राज्य के सभी स्कूलों में दो मिनट का मौन रखने का आदेश दिया. जम्मू और कश्मीर दोनों क्षेत्रों के स्कूली शिक्षा निदेशकों को कल सभी स्कूलों में दो मिनट का मौन रखने के लिए कहा गया है.

Advertisement

रजनी बाला 27 साल बाद घर लौटी थीं 
36 साल की रजनी बाला जम्मू के सांबा जिले की रहने वाली थीं. वो कुलगाम के गोपालपुरा के सरकारी स्कूल में टीचर थीं. उनके पति राज कुमार भी कुलगाम के एक सरकारी स्कूल में टीचर हैं. रजनी बाला दूसरी ऐसी गैर-मुस्लिम सरकारी कर्मचारी थीं, जिसे आतंकियों ने मौत के घाट उतार दिया. इससे पहले 12 मई को आतंकियों ने बड़गाम में तहसील दफ्तर में घुसकर राजस्व अधिकारी राहुल भट की हत्या कर दी थी.

रिपोर्ट के मुताबिक, रजनी बाला रोज करीब 10 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल में बच्चियों को पढ़ाने जाती थीं. वो पिछले 5 साल से गोपालपुर के स्कूल में पढ़ा रही थीं. रजनी बाला ने आर्ट्स में मास्टर किया था. इसके अलावा उनके पास बीएड और एमफिल की डिग्री भी थी.

रजनी बाला ने खुद की जान का खतरा देखते हुए शिक्षा विभाग को एक चिट्ठी लिखकर सुरक्षित जगह ट्रांसफर किए जाने का अनुरोध किया था. रजनीबाला ने पत्र में लिखा था कि वे जिस स्कूल में तैनात हैं, वहां 5 साल से ड्यूटी कर रही हैं. लेकिन असुरक्षा का माहौल लग रहा है.

 

Advertisement
Advertisement