जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद जहां उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती ने फिलहाल मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से इनकार कर दिया है, वहीं राज्य में संवैधानिक संकट के बीच शनिवार को राज्यपाल शासन लागू हो गया. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई ने यह सूचना दी है.
For now Governor's rule has been imposed in J&K: Jitendra Singh, MoS PMO on Mehbooba Mufti's swearing in as CM pic.twitter.com/ekve8kH164
— ANI (@ANI_news) January 9, 2016
इससे पहले शुक्रवार को राज्य के मुख्यमंत्री मुफ्ती सईद की मृत्यु के बाद राज्यपाल एनएन वोहरा ने सरकार निर्माण को लेकर पीडीपी और बीजेपी दोनों दलों को पत्र लिखा था. इस खत में राज्यपाल ने पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती और बीजेपी अध्यक्ष से सरकार के गठन के बारे में स्थिति साफ करने को कहा था.
सूत्रों का कहना है कि नए मुख्यमंत्री के शपथ लेने की स्थिति साफ होते न देख वोहरा ने रियासत के राजनीतिक हालात की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भी भेजी, जिसके बाद शनिवार को गवर्नर रूल का फैसला किया गया. जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी की साझा सरकार थी.
श्रीनगर से दिल्ली तक बैठकों का दौर
गौरतलब इै कि शुक्रवार को दिनभर तेजी से बदलते घटनाक्रम के बाद देर रात तक महबूबा मुफ्ती के शपथ ग्रहण के समय को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो सकी. सूत्रों के हवाले से खबर है कि बीजेपी महबूबा के नाम पर राजी है, लेकिन उसने राज्यपाल के सामने महबूबा के नाम पर औपचारिक रूप से अपनी सहमति दर्ज नहीं कराई है.
पीडीपी सांसद मुजफ्फर बेग ने साफ किया है कि महबूबा ही मुफ्ती मोहम्मद सईद की रस्मे चाहरूम के बाद शपथ लेंगी. इस बीच बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव भी शुक्रवार को श्रीनगर पहुंचे और महबूबा से मुलाकात की. राम माधव ने बीजेपी विधायक दल के साथ भी बैठक की. बीजेपी नेता दिल्ली लौटे तो यहां भी शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक की.