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हुर्रियत नेता गिलानी को मिल गया पासपोर्ट, फॉर्म में खुद को बताया 'भारतीय'

सरकार ने आखि‍रकार कट्टरपंथी कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को पासपोर्ट जारी कर दिया है. मंगलवार को जारी किए गए इस पासपोर्ट की वैधता नौ महीने होगी. दो महीने पहले अधूरी जानकारी को आधार बताते हुए गिलानी का पासपोर्ट आवेदन खारिज कर दिया गया था.

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सैयद अली शाह गिलानी की फाइल फोटो
सैयद अली शाह गिलानी की फाइल फोटो

सरकार ने आखि‍रकार कट्टरपंथी कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को पासपोर्ट जारी कर दिया है. मंगलवार को जारी किए गए इस पासपोर्ट की वैधता नौ महीने होगी. दो महीने पहले अधूरी जानकारी को आधार बताते हुए गिलानी का पासपोर्ट आवेदन खारिज कर दिया गया था.

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अधिकारियों का कहना है कि ये निर्णय गिलानी के उस अनुरोध के जवाब में लिया गया, जिसमें उन्होंने सऊदी अरब में रह रहीं अपनी बीमार बेटी को देखने की इच्छा प्रकट की थी. गिलानी के पासपोर्ट को लेकर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी. पिछली बार जब उन्हें पासपोर्ट देने का मामला सामने आया, तो राष्ट्रीयता को लेकर गिलानी के बयान पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताई थी.

पीडीपी-बीजेपी में दरार
गिलानी को पासपोर्ट के मुद्दे पर सत्ताधारी गठबंधन पीडीपी और बीजेपी में दरार देखी गई थी. उस समय अपने पासपोर्ट के आवेदन फॉर्म में गिलानी ने राष्ट्रीयता का कॉलम खाली छोड़ दिया था. बाद में उनका आवेदन रद्द कर दिया गया. गिलानी ने आरोप लगाया कि मानवीयता के आधार पर उन्हें सऊदी अरब जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है.

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अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि उनका आवेदन फॉर्म अधूरा है. उसके बाद गिलानी ने फॉर्म में राष्ट्रीयता भारतीय लिखी. हालांकि, गिलानी ने ये भी कहा कि वे दिल से भारतीय नहीं है और मजबूरन उन्हें ऐसा लिखना पड़ा है. बीजेपी की कश्मीर इकाई ने पहले ये कहा था कि गिलानी को देश से बाहर यात्रा करने की इजाजत तभी मिलनी चाहिए जब वो पाकिस्तान के समर्थन में बोलना बंद करें.

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