विपक्ष के विरोध के बीज जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने का प्रस्ताव पारित हो गया. सदन में जम्मू-कश्मीर के वित्त मंत्री हसीब द्राबू ने प्रस्ताव पेश किया जिसे राष्ट्रपति के आदेश के जरिये पारित किया गया.
आदेश में केंद्र से राज्य के विशेष दर्जे और विशेष कराधान शक्तियों की हिफाजत करने को कहा गया है. दो दिनों की चर्चा और विरोध के बाद प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित किया गया.
जीएसटी पर चर्चा के दौरान नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने विरोध किया. साथ ही माकपा और एक निर्दलीय विधायक ने भी जीएसटी के मौजूदा प्रारूप पर ऐतराज जताते हुए विरोध प्रदर्शन किया.
इससे पहले मंगलवार को सदन दंगल का अखाड़ा बन गया था. विधानसभा में जीएसटी पर बहस के दौरान जमकर हंगामा हुआ था. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों आमने-सामने आ गए थे. बहस और बयानबाजी के बीच एक दूसरे पर कागज भी फेंके गए. इतना ही नहीं, सदन में काले झंडे भी दिखाए गए और इसके बाद सदन में हाथापाई तक हो गई. विधायक इंजीनियर राशिद पर मार्शलों के साथ मारपीट का आरोप लगा. साथ ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर नियंत्रण को लेकर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया.
बता दें कि केंद्र सरकार ने 1 जुलाई से जीएसटी लागू कर दिया है. सभी राज्यों की विधानसभाओं में जीएसटी को पारित कर दिया गया था, मगर जम्मू-कश्मीर में पारित होना बाकी था. कश्मीर में सदन से लेकर सड़क तक जीएसटी के विरोध में प्रदर्शन किए गए. यहां तक कि हालात काबू करने के लिए कई जगह धारा 144 भी लगानी पड़ी थी.