श्रीनगर संसदीय सीट पर उपचुनाव के दौरान पत्थरबाजों से निपटने के लिए एक कश्मीरी युवक को जीप के बोनट पर बांधकर घुमाने वाले मेजर लितुल गोगोई की सेना प्रमुख ने भले ही प्रशंसा की हो, लेकिन जिस युवक फारूक डार को जीप पर बांधा गया था, उसने इसे अन्याय कहा है.
फारूक डार ने बताया कि 9 अप्रैल को वो मतदान करने गया था और उसके साथ ऐसा किया गया. डार ने कहा, 'मैं सेना प्रमुख से पूछना चाहता हूं कि अगर मेरी जगह उनके बेटे को जीप से बांधा गया होता तो क्या तब भी वे उस अफसर को अवॉर्ड देते.'
कश्मीरी युवक ने कहा कि वो पत्थरबाज नहीं है. वोट डालने के बाद वो पत्थरबाजी में क्यों शामिल होगा. युवक ने कहा, अगर मतदान के बाद मेरे साथ ऐसा हुआ, तो बाकी लोगों के साथ क्या हो रहा होगा. आगे से मैं कभी वोट नहीं दूंगा, यहां कोई इंसाफ नहीं है.'
मेजर लितुल गोगोई को सम्मानित किया जाने को फारूक के बड़े भाई गुलाम कादिर ने न्याय के नाम पर निर्दयता बताया है. कादिर ने कहा, 'मेरा भाई पत्थरबाज नहीं था और ना ही किसी विध्वंसक गतिविधियों में लिप्त था.' वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सेना के इस कदम को कश्मीर की मुख्यधारा के चेहरे पर तमाचा करार दिया है.
जेडीयू नेता शरद यादव ने भी सेना प्रमुख विपिन रावत द्वारा मेजर गोगोई को प्रशस्ति पत्र दिए जाने पर कहा है कि इससे घाटी में तनाव बढ़ेगा और हालात गंभीर हो जाएंगे. शरद यादव ने कहा कि अभी इस मामले की जांच भी पूरी नहीं हुई है, ऐसे में सरकार के इस कदम से कश्मीर की स्थिति और बिगड़ जाएगी.