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सरकार ने माना, J-K में 2018 में रोज हुए आतंकी हमले, 199 दिनों में 256 आतंकी वारदात

राज्यसभा में अपने लिखित बयान में हंसराज अहीर जानकारी देते हुए बताया कि 100 आतंकियों को सुरक्षाबलों ने अलग-अलग अभियानों में ढेर किया है तो वहीं दूसरी तरफ सुरक्षाबलों के 43 जवान भी इस ऑपरेशन के दौरान शहीद हो गए. इसके अलावा 16 आम नागरिक भी आतंकियों के इन ऑपरेशन के दौरान मारे गए.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

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जम्मू-कश्मीर के लिए यह साल बेहद अशांत रहा है. राज्यसभा में गृहराज्य मंत्री हंसराज अहीर के दिए बयान के अनुसार राज्य में रोजाना आतंकी हमले हुए. साल के शुरुआती 199 दिनों (8 जुलाई) में राज्य ने औसतन रोजाना एक से ज्यादा कुल 256 आतंकी हमलों का सामना किया.

घाटी में बढ़ते आतंकी हमलों के बीच सरकार की ओर से कहा गया कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों की ओर से चलाए जा रहे ऑपरेशन ऑलआउट में लगातार आतंकियों का सफाया किया जा रहा है. आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर में इस साल 8 जुलाई तक 256 आतंकी हमले किए जिसमें 100 से ज्यादा आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया.

राज्यसभा में अपने लिखित बयान में गृहराज्य मंत्री हंसराज अहीर जानकारी देते हुए बताया कि 100 आतंकियों को सुरक्षाबलों ने अलग-अलग अभियानों में ढेर किया है तो वहीं दूसरी तरफ सुरक्षाबलों के 43 जवान भी इस ऑपरेशन के दौरान शहीद हो गए. इसके अलावा 16 आम नागरिक भी आतंकियों के इन ऑपरेशन के दौरान मारे गए.

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हंसराज अहीर ने यह भी बताया कि 2017 में 342 आतंकी हमले जम्मू-कश्मीर में हुए थे, जिसमें 213 आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने ढेर किया था. इन्हीं ऑपरेशन के दौरान 80 से ज्यादा सुरक्षा बल भी शहीद हुए, वहीं 2016 की बात की जाए तो 322 आतंकी हमलों के दौरान 150 आतंकवादियों को ढेर किया गया था, इस दौरान 82 जवान शहीद हुए थे.

हंसराज अहीर ने राज्यसभा को जानकारी देते हुए बताया कि सुरक्षाबलों ने इस साल दूसरे राज्यों के भी युवाओं को जम्मू-कश्मीर में पकड़ा है जो कि कश्मीर घाटी में पत्थरबाजों के साथ मिलकर पत्थरबाजी कर रहे थे.

थरूर का बयान गैरजिम्मेदाराना

वहीं संसद के बाहर अहीर ने कांग्रेस के नेता शशि थरूर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हिंदुत्व पर दिया गया उनका बयान गैर जिम्मेदाराना है. थरूर ऐसी बात नहीं करें. इन बयानों से देश की बदनामी और अपमान होता है. हम शांति और वसुधैव कुटुंबकम की बात करते हैं, हमारे खून में संवेदनशीलता और शांति है. तालिबान से जोड़ने की जो बात शशि थरूर करते हैं, यह गलत तरीके के लोग हैं.

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ऐसे नेताओं को रोके नहीं तो आने वाले चुनाव में उनका बहुत बुरा हाल होगा. शशि थरूर को अपनी भाषा बदलनी होगी.

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उधर, राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने शशि थरूर के मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी अंग्रेजी बहुत अच्छी है, इसी अंग्रेजियत के कारण उनका इतिहास बहुत कमजोर है. हिंदू स्वभाव से विविधता को मानता है और प्रतिकूल वातावरण में भी हिंदुओं ने किसी भी तरीके की विविधता को नहीं छोड़ा है. हिंदू स्वभाव से पंथनिरपेक्ष है, ऐसी टिप्पणी कर शशि थरूर हिंदू धर्म, हिंदू सभ्यता और और हिंदू विरासत का अपमान कर रहे हैं.

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