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जम्मू-कश्मीर में दवाओं की कमी? जानिए क्या बोला प्रशासन

प्रशासन ने कहा कि कश्मीर घाटी में 7630 रिटेल और 4331 होलसेल केमिस्ट की दुकानें हैं और करीब 65 प्रतिशत दुकानें खुली हैं. सरकारी और प्राइवेट दुकानों में सभी 376 नोटिफाइड दवाइयां उपलब्ध हैं.

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राज्यपाल सत्यपाल मलिक की फाइल फोटो
राज्यपाल सत्यपाल मलिक की फाइल फोटो

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जम्मू-कश्मीर में दवाइयों की कमी की खबरों पर प्रशासन ने सफाई दी है. प्रशासन ने कहा कि श्रीनगर में 1666 में से 1165 केमिस्ट की दुकानें खुली हैं. कश्मीर घाटी में 7630 रिटेल और 4331 होलसेल केमिस्ट की दुकानें हैं और करीब 65 प्रतिशत दुकानें खुली हैं. सरकारी और प्राइवेट दुकानों में सभी 376 नोटिफाइड दवाइयां उपलब्ध हैं. 62 जीवनरक्षक और जरूरी दवाओं की भी कोई कमी नहीं है. बच्चों का खाना और तुरंत दवाइयां भिजवाने के लिए जम्मू और चंडीगढ़ में तीन लोगों को तैनात किया गया है.

प्रशासन के मुताबिक, पिछले 20 दिन में 23.81 करोड़ रुपये की दवा केमिस्ट दुकानों तक पहुंचाई गई हैं. पूरे महीने का औसत निकालें तो यह सामान्य से कुछ ज्यादा है. सरकारी और प्राइवेट केमिस्ट दुकानों में सभी 376 नोटिफाइड दवाएं उपलब्ध हैं. 62 जरूरी/जीवन रक्षक दवाएं भी उपलब्ध हैं. दोनों श्रेणी की दवाएं 15-20 दिन के स्टॉक में रिजर्व हैं.

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प्रदेश में जहां कहीं से ऑर्डर आता है, जम्मू से 14-18 घंटे के बीच दवाओं की डिलिवरी कर दी जाती है. दवाओं के ज्यादातर डिस्ट्रीब्यूटर जम्मू से हैं. घाटी में दो दिन के लिए बेबी फूड की किल्लत थी लेकिन स्टॉक उपलब्ध हो गया है. कम से कम अगले तीन हफ्ते तक बेबी फूड का स्टॉक रिजर्व कर लिया गया है. जम्मू और चंडीगढ़ में दवाओं और बेबी फूड की सप्लाई के लिए 3-3 लोगों को तैनात किया गया है. 72 टेस्ट चेक किए गए जिनमें दवाओं की ज्यादा कीमत वसूली की कोई शिकायत सामने नहीं आई.

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