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मन्नान वानी के एनकाउंटर के खिलाफ कश्मीर में स्कूल-कॉलेज बंद

सईद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक की अध्यक्षता वाले अलगाववादी समूह संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल) ने हिज्बुल कमांडर मनान बशीर वानी की मौत के विरोध में बंद का आह्रान किया.

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मन्नान वानी (फोटो-आजतक आर्काइव)
मन्नान वानी (फोटो-आजतक आर्काइव)

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हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी मन्नान बशीर वानी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद अलगाववादियों ने शुक्रवार को कश्मीर में बंद का आह्वान किया. इस बंद से घाटी में आम जनजीवन काफी प्रभावित रहा.

अधिकारियों ने बताया कि बंद के कारण कश्मीर में स्कूल, कॉलेज, बाजार और दुकानें नहीं खुलीं. अलगाववादियों के संगठन ज्वाइंट रेसिस्टेंस लीडरशिप ने बंद का आयोजन किया. इसमें सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मोहम्मद यासीन मलिक शामिल रहे. उन्होंने बताया कि अधिकतर जगहों पर सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था ठप रही लेकिन कुछ प्राइवेट गाड़ियां सड़कों पर देखी गईं.

प्रदेश के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा इलाके में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में वानी और उसके सहयोगी आशिक हुसैन जरगर के मारे जाने के बाद अलगाववादियों ने बंद का आह्वान किया था. उन्होंने बताया कि घाटी में स्थिति लगभग शांतिपूर्ण रही. हालांकि, बंद के मद्देनजर बड़ी तादाद में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया.

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गौरतलब है कि वानी पीएचडी छोड़ आतंकी गुट से जुड़ गया था. जनवरी में आतंकवादी संगठन में शामिल होने से पहले वानी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का पीएचडी छात्र था. वह कुपवाड़ा जिले के लोलाब इलाके का रहने वाला था, जहां हजारों लोगों ने उसके जनाजे में हिस्सा लिया.

इलाके में विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाए गए. हंदवाड़ा की शतगुंड़ गांव में आतंकवादियों के होने की जानकारी मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने गुरुवार को खोज अभियान शुरू किया, जहां मुठभेड़ में वानी और एक अन्य कश्मीरी आतंकवादी आशिक जरगर मारे गए. एहतियात के तौर पर कश्मीर के बारामूला और जम्मू के बनिहाल के बीच रेल सेवाएं रोक दी गईं.

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