सरहद की निगरानी करने के लिए भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्मार्ट फेंसिंग प्रोजेक्ट की सोमवार को शुरुआत होगी. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह जम्मू में देश के पहले स्मार्ट फेंसिंग के पायलट प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे. जम्मू में भारत-पाकिस्तान सीमा पर पांच किलोमीटर के इलाके में इस सिस्टम को लगाया गया है.
कंप्रीहेंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम (Comprehensive Integrated Border Management System) कार्यक्रम के तहत लगाए जा रहे इस सिस्टम में अदृश्य दीवार रहेगी, जो सरहद की निगरानी करेगी. इस दौरान एक साथ कई सिस्टम काम कर रहे होंगे, जो हवा, जमीन और पानी में देश की सीमा की रक्षा करेंगे.
जमीन पर ऑप्टिकल फाइबर सिस्टम, पानी के रास्तों में सेंसर युक्त सोनार सिस्टम और हवा में हाई रेजोल्यूशन कैमरा व एयरोस्टेट कैमरा दुश्मन की हर चाल पर नजर रखेंगे. इसके अलावा लेजर सिस्टम अंतरराष्ट्रीय सीमा के नदी नालों वाले इलाके में लगे होंगे. वहीं, इन सारे सिस्टम की निगरानी थोड़ी ही दूर पर बने यूनीफाइड कंट्रोल रूम के जरिए की जाएगी.
सीमा पर हर हरकत की रिपोर्ट इस सेंटर तक आएगी. किसी भी हरकत की रिपोर्ट यह यूनिफाइड कंट्रोल रूम आगे क्विक रिएक्शन टीम यानी क्यूआरटी को देगा, जोकि उसके बगल में ही मौजूद होगी और तत्काल दुश्मन को ढेर कर देगी.
सोमवार सुबह 11 बजे गृह मंत्री राजनाथ सिंह जम्मू पहुंचेंगे, जहां सबसे पहले इस स्मार्ट फेंसिंग सिस्टम का अनावरण करेंगे. इसके बाद वो जवानों के साथ सैनिक सम्मेलन करेंगे और फिर करीब 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी देंगे. इसके बाद करीब दोपहर एक बजे गृह मंत्री भारत-पाकिस्तान बॉर्डर इलाके का दौरा करेंगे. यहां पर वो BSF के बॉर्डर आउटपोस्ट और फेंसिंग में लगे टेक्निकल गैजेट्स को देखेंगे. फिर इसके बाद वो शाम करीब पांच बजे दिल्ली वापस लौट जाएंगे.
बता दें कि पाकिस्तान घुसपैठ कराने के लिए हर चाल चल रहा है, तो इस घुसपैठ को रोकने के लिए भारत भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है. लिहाजा इंटरनेशनल बॉर्डर की सुरक्षा कर रही बीएसएफ स्मार्ट फेंसिंग लगाने का पायलट प्रोजेक्ट जम्मू से शुरू कर रही है. भारत की 3,323 किमी सीमा पाकिस्तान से लगती है.
कंप्रीहेंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम (CIBMS) कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार ने भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर को इजरायल की तर्ज पर सुरक्षित करने का काम पिछले साल शुरू किया था. स्मार्ट फेंसिंग के साथ ही नदी नालों के इलाके में लेज़र वॉल भी लगाई गई है. इसके अलावा अंडरग्राउंड सेंसर्स और कैमरे से निगरानी की भी व्यवस्था की गई है.
गृह मंत्रालय पांच स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के जरिए भारत-पाकिस्तान बॉर्डर को सील करना चाहता है, ताकि घुसपैठ को पूरी तरह रोका जा सके.
भारत के चार राज्यों से लगी है पाकिस्तान की सीमा
पठानकोट हमले के बाद अप्रैल 2016 में पूर्व केंद्रीय गृह सचिव मधुकर गुप्ता की अध्यक्षता में गृह मंत्रालय द्वारा कमेटी का गठन किया गया था. इस कमेटी ने सीमा पार से आतंकी घुसपैठ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था में तकनीकी जरूरतों का प्रस्ताव रखा था. जिस पर उड़ी आतंकी हमले के बाद सहमति की मुहर लगाई गई थी.
पाकिस्तान के साथ भारत की सीमा चार राज्यों- जम्मू कश्मीर (1,225 किमी एलओसी समेत), राजस्थान (1,037 किमी), पंजाब (553 किमी) और गुजरात (508 किमी) से गुजरती है. इसमें सभी जगहों पर घुसपैठ को रोकने के लिए सरकार बड़ा कदम उठा रही है. इसके लिए काम भी शुरू हो चुका है. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पांच किलोमीटर की स्मार्ट फेंसिंग को अभी बना लिया गया है. सूत्रों के मुताबिक पांच किलोमीटर टाटा कंसल्टेंसी की तरफ से बनाया गया है.