कश्मीर घाटी में आतंकी बुरहान वानी के इनकाउंटर के बाद घाटी में आखिर कैसे इतनी हिंसा की आग भड़की. इसे लेकर अब केंद्र और राज्य सरकार माथापच्ची कर रही हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एनकाउंटर के बाद कश्मीर में जैसे ही बुरहान वानी के मरने की खबर आई वैसे ही सोशल मीडिया पर ये खबर आग की तरह फैल गई.
सोशल मीडिया पर होगी सख्ती
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अब सवाल उठे रहे हैं कि पहली जानकारी सुरक्षा बलों में शामिल किसी व्यक्ति के जरिए बाहर आई. या फिर किसी और तरीके से. इन सवालों सवालों के जावब ढूंढे जा रहे हैं. मंत्रालय अब सेना और अर्ध सैनिक बलों के सोशल मीडिया में फोटो जानकारी और वीडियो पोस्ट करने के लिए एक एसओपी यानी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर बना रहा है. कश्मीर में आर्मी, बीएसएफ, सीआरपीएफ, कश्मीर पुलिस और दूसरी पैरामिलिट्री फोर्स सुरक्षा के कामों में लगी है. कुछ दिन पहले गृह मंत्रालय ने सुरक्षा बलों को एसओपी फॉलो करने और उसे बनाने को लेकर एक बैठक की थी. गृह मंत्रालय कश्मीर में सुरक्षा संभाल रहे सुरक्षा बलों को एसओपी जारी करने पर विचार कर रहा है. जिसमें ये होगा कि कोई भी सुरक्षा बल से जुड़ा जवान फेसबुक, whatsapp और ट्विटर पर ना तो वीडियो, फोटो और न ही किसी तरीके की सुरक्षा से जुड़ी जानकारी पोस्ट कर सकेंगे.