scorecardresearch
 

PMO का फर्जी अफसर बनकर J-K में कैसे घूमता रहा? फारुक अब्दुला ने LG प्रशासन पर उठाया सवाल

कॉनमैन किरण पटेल के मामले में फारूक अब्दुल्ला ने कहा- यह बहुत गंभीर मामला है. जम्मू-कश्मीर एक संवेदनशील क्षेत्र है. ऐसी चूक कैसे हो सकती है? एलजी प्रशासन के लिए यह बहुत बड़ी शर्मिंदगी की बात है.

Advertisement
X
फारूक अब्दुल्ला (फाइल फोटो)
फारूक अब्दुल्ला (फाइल फोटो)

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आज एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जिसने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) का एक शीर्ष अधिकारी बताकर केंद्र शासित प्रदेश में शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठकें कीं. कमाल की बात ये हैं कि किसी को भनक भी नहीं लगी कि वह एक ठग है.

Advertisement

फुल सरकारी सेक्योरिटी के साथ लक्जरी होटल में रहे कथित ठग किरण पटेल के इस मामले में सियासत भी शुरू हो गई है. नेकां प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारूक अब्दुल्ला ने विशेष फोनो इंटरव्यू में इसपर बात की. उन्होंने इस चूक को लेकर एलजी मनोज सिन्हा के प्रशासन पर निशाना साधा है.

'ऐसी चूक कैसे हो सकती है? ये शर्मिंदगी की बात'

फारूक अब्दुल्ला ने कहा- यह बहुत गंभीर मामला है. जम्मू-कश्मीर एक संवेदनशील क्षेत्र है. ऐसी चूक कैसे हो सकती है? एलजी प्रशासन के लिए यह बहुत बड़ी शर्मिंदगी की बात है. उन्हें किरण पटेल को सुविधाएं देने से पहले पूरी जांच करनी चाहिए थी. इसके साथ ही अब्दुल्ला ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

उन्होंने कहा कि मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए जाने चाहिए और जवाबदेही तय की जानी चाहिए. इसके अलावा उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए जिन्होंने कॉनमैन को सुरक्षा कवर और अन्य सुविधाएं प्रदान कीं.

Advertisement

महीनों से कश्मीर घाटी का दौरा कर रहा था कथित ठग

गौरतलब है कि किरण भाई पटेल के रूप में पहचाने जाने वाले कथित ठग ने खुद को पीएमओ में एडीश्नल डायरेक्टर के पद पर बताया था. किरण पटेल पिछले साल अक्टूबर से कश्मीर घाटी का दौरा कर रहा था. गिरफ्तार होने से पहले वह नियंत्रण रेखा (एलओसी) के करीब उरी में कमान पोस्ट से होते हुए श्रीनगर के लाल चौक तक पहुंचा था. पकड़े जाने से पहले तक उसने सरकारी आतिथ्य का आनंद लिया. साथ ही उसे एक निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) और एक लक्जरी होटल में कमरा भी दिया गया था. किरण पटेल पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

अभी तक जम्मू-कश्मीर पुलिस इस घटना को लेकर चुप्पी साधे हुए है. लेकिन सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों को इसकी भनक लगने से पहले ही सीआईडी ​​शाखा ने ठगी का पता लगा लिया था.
 

 

Advertisement
Advertisement