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EXCLUSIVE: आसिया अंद्राबी बोलीं- जिहादी बनने जा रहे तीन युवकों से मेरा कोई नाता नहीं

हैदराबाद के तीन युवकों को जिहादी आतंकी संगठनों में शामिल होने की योजना बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. ये सभी सैयद सलाहुद्दीन के नाम का इस्तेमाल कर आसिया अंद्राबी से मिलने की कोशिश कर रहे थे.

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कश्मीर में अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी ने हैदराबाद के उन गिरफ्तार तीन युवकों से मुलाकात को खारिज किया है जिन पर आरोप है कि वे इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) में भर्ती होना चाहते थे.

'आज तक' को दिए गए खास इंटरव्यू मे आसिया ने कहा कि उन पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं. उन्होंने कहा कि आखिरी बार वह पिछले साल हैदराबाद तब गई थीं जब SIMI के पूर्व प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन की मौत हुई थी. उन्होने यह भी कहा कि वह उस वक्त भी सिर्फ इंसानियत के नाते हैदराबाद गई थीं.

सलाहुद्दीन को बता रहे हैं अपना रिश्तेदार
जानकारी के मुताबिक, हैदराबाद के तीन युवकों को जिहादी आतंकी संगठनों में शामिल होने की योजना बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. ये सभी सैयद सलाहुद्दीन के नाम का इस्तेमाल कर आसिया से मिलने की कोशिश कर रहे थे. ये युवक सलाहुद्दीन को अपना रिश्तेदार बता रहे हैं.

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आसिया अंद्राबी कश्मीर की सक्रिय अलगाववादी नेता हैं और 'दुख्तरान-ए-मिल्लत' नाम के महिला संगठन का प्रमुख चेहरा हैं.

अंद्राबी की मदद से पार करना चाहते थे बॉर्डर
मामले की छानबीन कर रहे सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा, 'मो. अब्दुल्ला बासित, माज हसन फारूक और सैयद उमर फारूक का अंद्राबी से कोई सीधा कनेक्शन नहीं है और ना ही वो इन्हें जानती हैं. तीनों ने सलाहुद्दीन के नाम इस्तेमाल का इस्तेमाल करके उनसे मिलने की कोशिश की थी.' अधिकारी ने बताया कि तीनों अंद्राबी की मदद से बॉर्डर पार कर अफगानिस्तान के जलालाबाद जाना चाहते थे.

तीनों युवकों को हैदराबाद पुलिस ने बीते 27 दिसंबर को नागपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था.

सितंबर में गिरफ्तार हुई थीं आसिया
बता दें कि इसी साल सितंबर महीने में आसिया अंद्राबी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया था. आसिया पर पाकिस्तानी झंडा लहराने और फोन के जरिए पाकिस्तान की जनसभा को संबोधित करने का आरोप है.

भारत के खिलाफ कही थीं बातें!
आसिया अंद्राबी ने मोबाइल फोन से पाकिस्तान में एक जनसभा को संबोधित किया था, जिसमें भारत के खि‍लाफ भावनाएं भड़काने वाली बातें कही गई थीं. इस मामले में भी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया. आशंका जताई गई थी कि उस रैली में आतंकी हाफिज मोहम्मद सईद भी शामिल हुआ था.

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अंद्राबी ने 14 अगस्त को लाहौर में आयोजित रैली को फोन पर संबोधित किया था और पड़ोसी देश के लोगों को उनके स्वतंत्रता दिवस पर बधाई दी थी. संबोधन से कुछ घंटे पहले अंद्राबी ने अपने आवास पर पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस मनाया था.

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