scorecardresearch
 

चुनाव लड़कर मिलेगी खुशी, पर अभी राजनीतिक पार्टी में नहीं जाऊंगा: शाह फैसल

IAS officer Shah Faesal resigns from service भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से इस्तीफा देने वाले शाह फैसल ने शुक्रवार को कहा कि वो लोकसभा चुनाव लड़कर बेहद खुश होंगे, लेकिन फिलहाल किसी राजनीतिक पार्टी को ज्वाइन नहीं कर रहे हैं. शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शाह फैसल ने मोदी सरकार पर भी जमकर हमला बोला.

Advertisement
X
Shah Faesal (Facebook Photo)
Shah Faesal (Facebook Photo)

Advertisement

भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से इस्तीफा देने के बाद शुक्रवार को शाह फैसल मीडिया के सामने आए और खुद के राजनीति में कदम रखने की योजना पर खुलकर बात रखी. उन्होंने कहा, ' मैं आगामी लोकसभा चुनाव लड़कर खुश होऊंगा, लेकिन फिलहाल किसी राजनीतिक पार्टी में नहीं जाऊंगा.' इस दौरान उन्होंने अपने इस्तीफे की वजहें भी बताई और केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला.

शुक्रवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की परीक्षा में 2010 में टॉप करने वाले शाह फैसल ने कहा, 'मॉब लिंचिंग की घटनाओं का बढ़ना भी मेरे इस्तीफा देने की एक वजह है. सीबीआई और एनआईए जैसी जांच एजेंसियों को कमजोर करने की कोशिशों ने भी मुझे इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया. हालांकि सर्विस में रहने के दौरान मैंने इन घटनाओं के बारे में कभी खुलकर अपनी बात नहीं रखी.'

Advertisement

आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर के आईएएस ऑफसर शाह फैसल ने कश्मीर घाटी में कथित हत्याओं और इन मामलों में केंद्र सरकार द्वारा ठोस प्रयास नहीं करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को इस्तीफा दे दिया था. शुक्रवार को शाह फैसल ने कहा, 'मेरा इस्तीफा देना एक मामूली घटना है. मैं केंद्र सरकार की ओर से विश्वसनीय राजनीति की पहल नहीं करने के खिलाफ हूं. यह जरूरी है कि कश्मीरियों के जीवन जीने के अधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए.'

उन्होंने कहा, 'हमने देखा है कि जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे पर करारा हमला किया गया. सरकार कश्मीरी पंड़ितों को बसाने में भी विफल रही. ये भी मेरे इस्तीफे की वजहों में शामिल हैं. इसके अतिरिक्त राज्य के बाहर कश्मीर की क्षेत्रीय पहचान को कम करने की लगाताकर कोशिश हो रही है.'

एक सवाल के जवाब में शाह फैसल ने कहा, 'मैं विधायक और सांसद बनने की योग्यता रखता हूं. मेरा मेनिफेस्टो लोगों से बातचीत करने के बाद सामने आएगा. यह धारणा बनाना गलत होगा कि मेनिफेस्टो में हुर्रियत की कोई भूमिका नहीं होगी. मुझे आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने में बेहद खुशी होगी. मैं सबसे पहले लोगों से बात करूंगा और फिर फैसला करूंगा कि मुझे निर्दलीय चुनाव लड़ना चाहिए या फिर किसी राजनीतिक पार्टी को ज्वाइन करना चाहिए?'

Advertisement

इससे पहले बृहस्पतिवार को शाह फैसल ने कहा कि उनका अगला कदम इस बात पर निर्भर करेगा कि कश्मीर के लोग और खासकर नौजवान उनसे क्या चाहते हैं? उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘अब मैं सर्विस से इस्तीफा दे चुका हूं. इसके बाद मैं जो कदम उठाऊंगा, वो इस पर निर्भर करेगा कि कश्मीरी लोग, खासकर युवा मुझसे क्या चाहते हैं?’

एमबीबीएस डिग्री धारक शाह फैसल ने कहा कि हिंदूवादी ताकतों द्वारा करीब 20 करोड़ भारतीय मुस्लिमों को हाशिए पर डाले जाने की वजह से उनके दोयम दर्जे का हो जाने, जम्मू कश्मीर राज्य की विशेष पहचान पर कपटपूर्ण हमलों और भारत में अति-राष्ट्रवाद के नाम पर असहिष्णुता व नफरत की बढ़ती संस्कृति के विरुद्ध हैं.

Advertisement
Advertisement