भारत और पाकिस्तान के बीच ब्रिगेड कमांडर-स्तरीय बैठक आज शुक्रवार को नियंत्रण रेखा (एलओसी) से सटे एक सेक्टर में आयोजित की गई. पिछले महीने 2003 के युद्धविराम समझौते का पालन करने के लिए दोनों पक्षों के बीच बनी सहमति पर आगे बढ़ने के लिए आयोजित की गई थी.
पिछले महीने भारत और पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल्स ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMOs) के बीच हुई चर्चा के दौरान दोनों पक्षों ने सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए 2003 के युद्धविराम समझौते को लागू करने का फैसला किया था.
भारतीय सेना ने कहा, 'डीजीएमओ की समझ के बाद, भारतीय और पाकिस्तानी सेना के बीच आज पुंछ रावलकोट क्रॉसिंग प्वाइंट पर ब्रिगेड कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग हुई.'
हालांकि, सरकार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि अभी तक पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद को प्रायोजित नहीं करने और आतंकियों के लॉन्चपैड को लेकर कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई गई है. फिलहाल पिछले एक महीने से नियंत्रण रेखा (LoC) पर स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है.
पिछले महीने DGMO स्तर की हुई थी बैठक
भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि मार्च में अब तक एलओसी पर एक भी गोली नहीं चलाई गई है. हालांकि अधिकारियों ने संघर्षविराम लागू होने के बावजूद कहा कि भारतीय सीमा पर सैनिकों की कमी नहीं की जाएगी.
सेना के एक अधिकारी ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में सैनिकों की तैनाती की समीक्षा मौजूदा स्थिति के आधार पर की जा सकती है.
इससे पहले, भारत और पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल्स ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMOs) के बीच 25 फरवरी को एलओसी और अन्य सभी क्षेत्रों में स्वतंत्र, स्पष्ट और सौहार्दपूर्ण वातावरण को लेकर समीक्षा बैठक की गई थी. दोनों पक्ष एलओसी और अन्य सभी क्षेत्रों के साथ आपसी समझ और संघर्षविराम के सख्त पालन को लेकर सहमत हुए थे.
दोनों पक्षों ने यह भी दोहराया कि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति या गलतफहमी को हल करने के लिए हॉटलाइन संपर्क और बॉर्डर फ्लैग मीटिंग के मौजूदा तंत्र का उपयोग किया जाएगा.