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आतंक के खात्मे के लिए जम्मू-कश्मीर में भी हो ‘एयरस्ट्राइक’: पूर्व वायुसेना प्रमुख

India today conclave 2019 एयर चीफ मार्शल फाली होमी मेजर ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में वायुसेना के उपयोग पर अहम बातें रखीं. उन्होंने कहा कि सिर्फ सरहद पार ही नहीं बल्कि घाटी में भी जारी आतंकवाद के खिलाफ वायुसेना का इस्तेमाल किया जा सकता है.

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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2019 में पूर्व वायुसेना प्रमुख फाली होमी मेजर (Photo: India Today)
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2019 में पूर्व वायुसेना प्रमुख फाली होमी मेजर (Photo: India Today)

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पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकवाद के खिलाफ जो एयरस्ट्राइक की उसका क्या असर होगा. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव-2019 के दूसरे दिन पूर्व वायुसेना प्रमुख फाली होमी मेजर ने इस इस मुद्दे खुलकर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान का रुख देखने लायक होगा. अगर भारत को उकसाया गया तो हम किस तरह एक्शन लेंगे वो देखना होगा लेकिन अभी कुछ होता नहीं दिख रहा है.

जम्मू-कश्मीर में भी कर सकते हैं एयरस्ट्राइक!

उन्होंने जम्मू-कश्मीर में रोजाना हो रहे एनकाउंटर को लेकर भी बड़ी बात कही. पूर्व एयर चीफ ने कहा कि हमें वायुसेना के इस्तेमाल पर एक बार सोचना होगा, सिर्फ सरहद पार ही नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर में भी आतंकवाद के खिलाफ वायुसेना का इस्तेमाल किया जा सकता है. हम पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भी आतंकवाद के खिलाफ एयरस्ट्राइक का इस्तेमाल कर सकते हैं.

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उन्होंने इस पर विस्तार से समझाया कि जब कश्मीर में हम आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई लड़ते हैं तो कई जवान शहीद होते हैं, जब एनकाउंटर जारी होता है तब गोलीबारी होती है और हमें अंत में घर को उड़ाना ही होता है तो ये काम पहले क्यों नहीं कर सकते. उन्होंने ये भी कहा कि जरूरी नहीं कि कश्मीर में विमानों का इस्तेमाल हो बल्कि हेलिकॉप्टर के जरिए गोलीबारी कर सकते हैं. या फिर उस घर को उड़ा सकते हैं जहां पर आतंकवादी हैं.

पाकिस्तान के साथ मौजूदा चल रहे विवाद पर उन्होंने कहा कि भारत को अभी भी चौकन्ना रहने की जरूरत है. अभी जो एयरस्ट्राइक हुई है वह सिर्फ छोटी हुई है, अगर पाकिस्तान एक्शन लेता है तो किसी भी तरह का एक्शन लिया जा सकता है.

उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई कि पिछले काफी समय से वायुसेना का इस्तेमाल ठीक तरीके से नहीं हुआ है, ना कारगिल में और ना ही किसी और जगह. उन्होंने कहा कि किसी भी देश को एयर ऑप्शन रखना जरूरी होता है, अगर सही इनपुट है तो ऐसा किया जा सकता है जो 26 फरवरी को हुआ. आपको बता दें कि इस सेशन में पूर्व वायुसेना प्रमुख के अलावा लेफ्टिनेंट जनरल (रिटा.) डीएस हुड्डा भी शामिल हुए. 

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