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Exclusive: अब सिग साउर और तावोर असॉल्ट राइफल के साथ आतंकियों के खिलाफ चलेगा ऑपरेशन

पीओके में अभी भी 150 आतंकी लॉन्च पैड पर हैं. हमारी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक उनको आदेश दिया गया है वो लॉन्च पैड पर ना रहें बल्कि आसपास के लोगों में घुलमिल जाएं. उनकी घुसपैठ को रोकने के लिए सेना ने पूरी तैयारी की है.

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सिग साउर असॉल्ट राइफल आने से बढ़ी ताकत (फोटो- आजतक)
सिग साउर असॉल्ट राइफल आने से बढ़ी ताकत (फोटो- आजतक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारतीय सेना की ताकत कई गुना बढ़ी
  • सिग साउर असॉल्ट राइफल आने से बढ़ी ताकत
  • इजराइल में निर्मित है तवोर असॉल्ट राइफल

जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन के लिए नई सिग साउर असॉल्ट राइफल के आने से भारतीय सेना की ताकत कई गुना बढ़ गई है. ये राइफल अमेरिका की बनी हैं. इसके साथ इजराइल की बनी तवोर राइफल के जुड़ने से जम्मू और कश्मीर में जहां आतंकवाद से लड़ाई में सेना को और ताकत मिली है. वहीं नियंत्रण रेखा पार से पाकिस्तानी सेना की नापाक हरकतों का और असरदार ढंग से जवाब दिया जा रहा है. आज हम आपको सिग साउर और तावोर असॉल्ट राइफल की मारक क्षमता से रूबरू कराते हैं.

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एलओसी में उरी सेक्टर में सेना की स्पेशल फोर्स के जवान सिग साउर और तावोर असॉल्ट राइफल के साथ आतंकियों के खिलाफ स्पेशल ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं.

आतंकियों के खिलाफ नजदीक की लड़ाई यह इंसास राइफल की अपेक्षा बहुत ज्यादा हल्की और छोटी होने से बहुत कारगर है. यह ज्यादा स्टेबल, भरोसेमंद तो है ही और इसकी एक्यूरेसी भी ज्यादा है. इसका होल्ड भी बेहतर है. इस राइफल में पिकेटिनी रेल (राइफल के ऊपर लगा एक प्लेटफॉर्म) जिसमें नाइट विजन डिवाइस या दूर तक देखने के लिए डिवाइस लगाई जा सकती है. भारतीय सेना को ऐसी राइफल की जरूरत थी जो ज्यादा बड़े और मारक कारतूस दाग सके. 

अभी INSAS  राइफल से 5.56x45 mm कारतूस ही दागे जा सकते हैं. दोनों असॉल्ट राइफल्स में ये बड़ा अंतर है. सिग 716 राइफल में अधिक ताकतवर 7.62x51mm कारतूस का इस्तेमाल होता है. अगर आतंकी घर में छिपे हों तो उनके सफाये के लिए ये बेहद कारगर हैं. इस राइफल से एक मिनट में छह सौ गोलियां मारी जा सकेंगी. मतलब एक सेकंड में दस गोलियां निकलेंगी.

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कभी जाम नहीं होगी

इसे ऑटोमेटिक और सेमी ऑटोमेटिक दोनों तरह से प्रयोग किया जा सकेगा. इस राइफल की सबसे ज्यादा खास बात यह है कि यह कभी जाम नहीं होगी. यह किसी भी तरह के मौसम में काम करेगी चाहे भारी ठंड हो, गर्मी हो या फिर बारिश.

पीओके में अभी भी 150 आतंकी लॉन्च पैड पर हैं. हमारी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक उनको आदेश दिया गया है वो लॉन्च पैड पर ना रहें बल्कि आसपास के लोगों में घुलमिल जाएं. उनकी घुसपैठ को रोकने के लिए सेना ने पूरी तैयारी की है. 15 कोर कमांडर लेफ़्टिनेंट जनरल डी पी पांडेय ने आजतक से Exclusive बातचीत में बताया कि पाकिस्तानी सेना के साथ संघर्ष विराम को लेकर जो समझौता हुआ है उसको लेकर अभी थोड़ा इंतज़ार करना होगा. 

उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना पर आसानी से भरोसा नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी के हालात नियंत्रण लाने के दो रास्ते तैयार किए गए हैं. पहला रास्ता है कि स्थानीय आतंकियों की भर्ती को रोका जाएगा. दूसरा यह होगा कि जो नेटवर्क इस भर्ती को अंजाम देता है उसपर नकेल कसी जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए आम लोगों की मदद की भी जरूरत है.

 

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