देश का पहला केबल आधारित पुल जल्द ही शुरू होने वाला है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक इस पुल का काम लगभग पूरा हो चुका है. जम्मू से 80 किलोमीटर दूर बन रहे इस पुल पर ट्रेनें 100 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ सकेंगी. रेलवे की मानें तो यह ब्रिज भूकंप से लेकर 40 किलो विस्फोटक सामग्री के विस्फोट को सहन करने में सक्षम होगा.
ब्रिज के दोनों सिरे पर सुरंगें
अंजी पुल केंद्र-शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में पड़ता है. इसका निर्माण कटरा और रियासी स्टेशनों के बीच किया जा रहा है. यह कटरा और बनिहाल को एक महत्वपूर्ण लिंक बनाता है, जो उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (USBRL) का हिस्सा है. इस पुल के दोनों सिरों पर सुरंगें हैं. कटरा छोर पर एक सुरंग 5 किमी लंबी है. वहीं, कश्मीर के छोर पर की सुरंग कुल 3 किमी लंबी है. अधिकारियों के मुताबिक, दोनों सुरंगों में एक ट्रैक बिछाया गया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रियासी पहुंचकर इस पुल का जायजा भी लिया.
#WATCH | J&K: Union Railways Minister Ashwini Vaishnaw inspects the Chenab Bridge
— ANI (@ANI) March 26, 2023
The first trail run on Chenab Bridge on Udhampur-Srinagar-Baramulla Rail Link will be conducted in Reasi pic.twitter.com/Eq6pvPBNyV
केवल 52.5 मीटर हिस्से का काम बाकी
अधिकारियों के मुताबिक, अंजी ब्रिज का आखिरी डेक वाला हिस्सा, 213 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है. पुल के 47 में से 41 सेगमेंट पूरे कर चुके हैं. केबल स्टे ब्रिज का सेंट्रल स्पैन 290 मीटर है. अब इसमें केवल 52.5 मीटर का हिस्से का काम पूरा होना बाकी है.
अंजी पुल की संरचना
अधिकारियों ने कहा कि अंजी पुल का केबल वाला हिस्सा 472.25 मीटर है, जबकि पुल की कुल लंबाई 725.5 मीटर है, जिसे तटबंध सहित चार भागों में बांटा गया है. नींव से 193 मीटर लंबे पुल का डेक स्तर 51 मीटर है, जबकि डेक स्तर से ऊपर वाई-आकार का पायलॉन 142 मीटर का है.
#WATCH | J&K: Indian Railway's first 'cable-stayed' bridge, Anji Khad Bridge construction work underway in Reasi (25.03) pic.twitter.com/Sokd67Axz6
— ANI (@ANI) March 26, 2023
120 साल है पुल की कोडल लाइफ
रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि पुल की कोडल लाइफ 120 साल है. इस पुल पर एक एकीकृत निगरानी प्रणाली भी होगी. जगह-जगह सेंसर लगाएं जाएंगे. इस पुल को लेकर तेज रफ्तार हवाएं, अत्यधिक तापमान, भूकंप संभावित क्षेत्र, हाइड्रोलॉजिकल प्रभाव हर चीज का गहन अध्ययन किया गया है. मई तक ये पुल बन कर तैयार हो जाएगा. इसके कुछ समय बाद यहां ट्रेनों का परिचालन शुरु कर दिया जाएगा.