Terrorists and terror activities से त्रस्त जम्मू-कश्मीर में लगातार अशांति बनी हुई है. इस समय राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है. संभावित विधानसभा चुनाव के बीच राज्य की सियासी पार्टियों की ओर से कई लुभावने वादे भी किए जा रहे हैं. इन्हीं वादों के चक्कर में जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के नेता शगीर खान ने विवादित बयान दे दिया. उन्होंने कहा कि राज्य में उनकी पार्टी की सरकार आने पर आतंकी गतिविधियों के आरोप में बंद लोगों को रिहा कर दिया जाएगा और उनको नकद इनाम भी दिया जाएगा.
जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के पर्यवेक्षक शगीर सईद खान की ओर से इस वादे के बाद विवाद खड़ा हो गया है. जम्मू में पत्रकारों से बातचीत के दौरान शगीर खान ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि पार्टी राज्य में निर्दोष लोगों के साथ अत्याचार कर रही है. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में लौटती है तो घाटी में मारे गए लोगों के परिजनों के एक करोड़ का मुआवजा दिया जाएगा और हम उनके परिजनों को सरकारी नौकरी भी देंगे. संदेह में बंद किए गए आतंकियों को जेल से रिहा कराया जाएगा.
बीजेपी नेताओं के लिए कानून
साथ ही कांग्रेस के इस नेता ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी बीजेपी नेताओं को फांसी देने के लिए कानून बनाएगी. बीजेपी के जो नेता कश्मीर में इन हत्याओं के लिए जिम्मेदार होंगे, चाहे वह कितना बड़ा और ताकतवर नेता हो, उसे कानून के तहत फंदे पर लटकाया जाएगा. सेना को भी बीजेपी नेताओं के आदेश मानने को मजबूर किया जा रहा है. उन्होंने बुलंदशहर हिंसा को 'आरएसएस हिंदू आतंकवाद' से जोड़ा.
विवाद बढ़ता देख पार्टी की राज्य ईकाई ने उनके इस बयान से किनारा कर लिया. राज्य कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस उनके बयान से सहमत नहीं है और वह पार्टी के प्रवक्ता भी नहीं हैं. उनके पास इस तरह के बयान का कोई अधिकार नहीं है. हम पार्टी आलाकमान से इस मामले में कार्रवाई की मांग करेंगे. हम सुरक्षा बलों के साथ हैं न कि आतंकियों के साथ. दूसरी ओर, बीजेपी ने इस बयान पर कड़ी टिप्पणी की है.
माफी मांगे राहुल गांधी
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता ने शगीर खान के आतंक संबंधी बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से माफी मांगने को कहा है. उन्होंने इंडिया टुडे से कहा, 'शगीर खान का बयान राष्ट्र विरोधी है. कांग्रेस का रुख सबके सामने आ गया है. आतंकियों के खून बहने से उनका दिल रोता है न कि सुरक्षा बलों के. मैं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं से इस मामले में माफी की मांग करता हूं.'
दूसरी ओर, सुरक्षा बलों की ओर से चलाए जा रहे ऑपरेशन ऑलआउट के तहत 24 दिसंबर तक जम्मू-कश्मीर में 257 आतंकवादी मारे जा चुके है. सुरक्षा बलों ने लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) और उसके नजदीक हुई मुठभेड़ों के अलावा जम्मू-कश्मीर के अंदरूनी इलाकों में इन आतंकवादियों को मार गिराया. यह आंकड़ा पिछली साल की तुलना में ज्यादा है. 2017 में जम्मू-कश्मीर में 213 आतंकवादी मारे गए थे. इस साल 50 से ज्यादा आतंकी गिरफ्तार किए गए, जबकि पांच ने आत्मसमर्पण भी किया.
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में अब भी करीब 240 आतंकी सक्रिय हैं. इनमें कुछ विदेशी भी शामिल हैं.