जम्मू-कश्मीर में एक महीने के अंदर दूसरी बार आतंकियों ने किसी पुलिस कर्मचारी को अपना निशाना बनाया और उसे अगवा कर लिया.
घाटी के आतंकियों ने गुरुवार को शोपियां से कांस्टेबल जावेद अहमद डार को अगवा कर लिया है. जावेद शोपियां एसएसपी शैलेंद्र कुमार के साथ कार्यरत थे, और वह उनके ऑपरेटर बताए जा रहे हैं. अपहरण की जिम्मेदारी हिज्बुल मुजाहिद्दीन ने ली है.
मां को दवा देने जा रहा था जावेद
जावेद के बारे में जानकारी मिली है कि वह पिछले पांच सालों से एसएसपी शैलेंद्र कुमार के साथ तैनात हैं. जावेद ने पुलिस महकमे को बताया था कि वह अपनी मां को दवाई देने जा रहा है. उन्होंने कहा था कि उनकी मां को दवाइयों की जरूरत है. वह हज के लिए जाने वाली हैं.
अपहरण होने के समय जावेद अपने दोस्तों के साथ था. उसी दौरान सैंट्रो कार में चार आतंकी आए और उन्होंने हवा में गोली चलाई और जावेद का अपहरण कर लिया.
इसके कुछ देर बाद सोशल मीडिया में जावेद को टॉर्चर करने की तस्वीर भी अपलोड की गई. फिलहाल राज्य की पुलिस ने जावेद के लिए तलाशी अभियान चलाया है.
ईद से पहले औरंगजेब को किया था अगवा
इससे पहले आतंकियों ने पिछले महीने ईद की छुट्टियों पर घर जा रहे पुलिस कांस्टेबल औरंगजेब को अगवा कर लिया था, फिर 14 जून की शाम को उसका शव पुलवामा जिले के गुस्सो गांव में बरामद हुआ था. ये कलमपोरा गांव से करीब 30 किलोमीटर दूर था, जहां उसे किडनैप किया गया था.
औरंगजेब जम्मू-कश्मीर की लाइट इन्फेंट्री JAKLI का हिस्सा थे, जो कि 44 राष्ट्रीय रायफल्स के साथ काम कर रही थी. औरंगजेब शोपियां में 44RR की कोर टीम का हिस्सा थे. 2017 में 44 RR की अगुवाई में ही सेना ने जम्मू-कश्मीर में करीब 260 से ज्यादा आतंकियों को मौत के घाट उतारा. जिसमें करीब तीस तो दक्षिण कश्मीर में ही थे.
जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर के भतीजे महमूद भाई को जिस सेना की टीम ने मारा था, औरंगजेब उसी टीम का हिस्सा रहे थे.