scorecardresearch
 

ड्रोन से ही किया गया जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हमला, DGP बोले- सीमा पार की साजिश

जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर देर रात दो धमाके हो गए. इन धमाकों में ड्रोन का ही इस्तेमाल किया गया. जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने इसकी पुष्टि कर दी है. उन्होंने बताया कि हमले की साजिश सीमापार से रची गई, लेकिन इसे अंजाम सीमा के अंदर से ही दिया गया.

Advertisement
X
जम्मू का एयरफोर्स स्टेशन (फोटो-नीरज कुमार)
जम्मू का एयरफोर्स स्टेशन (फोटो-नीरज कुमार)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • देर रात 5 मिनट के अंतर से हुए दो धमाके
  • धमाकों के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की पुष्टि
  • बिल्डिंग की छत को नुकसान की खबर

जम्मू एयरपोर्ट के पास एयरफोर्स स्टेशन के अंदर दो धमाकों से खलबली मच गई. पांच मिनट के अंदर दो धमाके हुए. जम्मू-कश्मीर के डिजीपी दिलबाग सिंह ने आजतक से बातचीत में ड्रोन हमले की पुष्टि कर दी है. उनका कहना है कि इसकी साजिश सीमापार से रची गई, लेकिन इसे अंजाम यहीं दिया गया. इससे पहले वायु सेनाकर्मियों ने भी ड्रोन से विस्फोटक को गिरते देखा था. 

Advertisement

इस मामले में दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है. दोनों को जम्मू के एयरफोर्स स्टेशन के पास से ही पकड़ा गया. दोनों से पूछताछ हो रही है. इसी बीच जम्मू एयरफोर्स स्टेशन में जांच जारी है, एनआईए और एनएसजी की टीम यहां पहुंची है. वेस्टर्न एयर कमांड से एयर मार्शल विक्रम सिंह भी घटनास्थल पहुंचे और हालात का जायजा लिया.

उधर, वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने भी इस घटना में मामूली रूप से घायल हुए भारतीय वायुसेना के दो जवानों से फोन पर बातचीत कर उनका हाल जाना. वायुसेना प्रमुख इस समय बांग्लादेश में हैं. उन्होंने फोन पर जवानों का हाल जाना. वायुसेना के अधिकारियों का कहना है कि दोनों जवानों को निगरानी में रखा गया है और वो बेहतर हैं.

एयरबेस के नजदीक से ड्रोन के लॉन्च किए जाने का शक

Advertisement

सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जांच में इस बात का आंशका जताई गई है कि आतंकियों ने एयरबेस के नजदीक से ड्रोन लॉन्च किया था. सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि हमले में इस्तेमाल किए गए ड्रोन क्वॉडकॉप्टर्स थे और संभव है कि एयरबेस के नजदीक से ड्रोन के जरिए विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया. हमले की जांच की जा रही है और जांच के बाद और जानकारियां सामने आएंगी. कई एजेंसियां जांच में जुटी हुई हैं और सभी एयरबेस को अलर्ट कर दिया गया है जिससे कि आगे ऐसे किसी हमले को टाला जा सके.

जम्मू एयरपोर्ट स्थित एयरफोर्स स्टेशन के अंदर देर रात हुए दो धमाकों के बाद पंजाब के पठानकोट इलाके में अलर्ट जारी कर दिया गया है. अधिकारियों का कहना है कि सेना की मौजूदगी वाली जगहों पर सतर्कता बढ़ा दी गई है. संवेदनशील इलाकों में पेट्रोलिंग रुकी हुई है. सूत्रों के मुताबिक जम्मू एयरपोर्ट ब्लास्ट मामले में ड्रोन के अवशेष नहीं मिले हैं. कुछ न्यूज रिपोर्ट में कहा गया था कि  ड्रोन ही आईइडी था. हालांकि इसे तथ्य को गलत बताया गया है. कई जांच एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं. सूत्रों का कहना है कि ड्रोन के जरिए विस्फोटक गिराया गया और फिर ड्रोन वापस चला गया.

देर रात हुए धमाके

Advertisement

जम्मू एयरपोर्ट स्थित एयरफोर्स स्टेशन के अंदर देर रात दो धमाके हुए. पहला धमाका रात 1 बजकर 37 मिनट पर हुआ और दूसरा धमाका ठीक 5 मिनट बाद 1 बजकर 42 मिनट पर हुआ. हालांकि, इन धमाकों में कोई नुकसान नहीं हुआ है. वायुसेना ने ट्वीट कर बताया कि पहला धमाका बिल्डिंग की छत पर और दूसरा धमाका जमीन पर हुआ. धमाके से सिर्फ बिल्डिंग की छत डैमेज हुई है.

धमाकों में अब आतंकी हमले का एंगल भी सामने आ रहा है. जांच के लिए एनआईए और एनएसजी की टीम एयरफोर्स स्टेशन पहुंच चुकी है. सीआरपीएफ के डीआईजी भी मौके पर पहुंच गए हैं. इनके अलावा स्पेशल फोर्स की टीम भी यहां पहुंच गई है.

सूत्रों के मुताबिक, अब तक हुई जांच में ड्रोन से IED गिराने का शक जताया जा रहा है. माना जा रहा है कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के जरिए IED गिराए गए. ड्रोन हमले के अंदेशे के चलते अम्बाला, पठानकोट और अवंतिपुरा एयरबेस को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है.

डीजीपी ने की ड्रोन हमले की पुष्टि
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने आजतक से बातचीत में ड्रोन के इस्तेमाल की पुष्टि की है. उन्होंने बताया, "ड्रोन को ही IED के तौर पे इस्तेमाल किया गया, क्योंकि मौका-ए-वारदात से ड्रोन के परखच्चे हुए पार्ट मिले हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि ड्रोन को बतौर बम इस्तेमाल किया गया." उन्होंने ये भी कहा कि इस हमले की साजिश सीमापार रची गई लेकिन धमाके को एग्जीक्यूट करने वाले सीमा के अंदर ही मौजूद हैं. 

Advertisement

उन्होंने ये भी बताया कि निशाने पर एयरफोर्स के जवान ही थे. उन्होंने कहा, "सिविलियन नहीं एयरफोर्स के जवान निशाने पर थे. सिंगल स्टोरी बिल्डिंग के पास जहां धमाका हुआ वहां एयरफोर्स के जवानों का रेस्ट रूम है और ब्लास्ट की टाइमिंग भी ऐसी है कि उस वक्त सभी उड़ानें बंद हो जाती हैं." 

इससे पहले सूत्रों ने भी इस ड्रोन हमले को जम्मू से ही अंजाम दिए जाने की बात कही थी. ऐसा इसलिए क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय सीमा स्टेशन से 25 से 30 किलोमीटर दूर है और हवाई दूरी 10 से 15 किलोमीटर है. ऐसे में इस बात का शक ज्यादा गहरा रहा है कि हमला जम्मू में ही कहीं से किया गया हो. 

FIR दर्ज हुई, दो संदिग्ध हिरासत में
धमाके पर जम्मू पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज कर ली है. ये एफआईआर यूएपीए की धारा 16, 18 और एक्स्प्लोसिव एक्ट के तहत दर्ज हुई है. ये एफआईआर सतवारी थाने में दर्ज की गई है. इस मामले की जांच अब आतंकी हमले की तरह की जाएगी. इस मामले में दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है. ये दोनों ही संदिग्ध सतवारी इलाके के पास से पकड़े गए हैं. दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.

निशाने पर थे एयरक्राफ्ट
इन धमाकों को अंजाम देने के लिए दो ड्रोन का इस्तेमाल करने की बात सामने आ रही है. इस बात की आशंका और भी गहरी इसलिए हो जाती है क्योंकि असलहा-बारूद गिराने वाले ड्रोन को रडार में पकड़ने में दिक्कत भी आती है. पहले भी कई बार ऐसे ड्रोन रडार की पकड़ में आने से बच चुके हैं.

Advertisement

पहली बार ऐसा ड्रोन हमला हुआ
ड्रोन हमले की पुष्टि होने के साथ ही ये पहली बार है जब किसी सैन्य ठिकाने पर ड्रोन अटैक हुआ है. इससे पहले भी कई बार सैन्य ठिकानों पर हमले हो चुके हैं, लेकिन अभी तक कभी भी ड्रोन का इस्तेमाल नहीं किया गया था. ये पहली बार है जब आतंकियों ने हमले को अंजाम देने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया.

पाकिस्तान ने चीन से खरीदे थे ड्रोन
ऐसी जानकारी मिली है कि हाल ही में पाकिस्तान के आतंकी संगठनों ने चीन से ड्रोन खरीदे थे. इन ड्रोन के जरिए एक बार में 20 किलो तक के पेलोड ले जाए जा सकते थे और ये एक बार में 25 किलोमीटर दूर तक उड़ान भरने में सक्षम थे. बताया जा रहा है कि अक्टूबर-नवंबर 2020 में इन्हें एक तय टारगेट पर IED गिराने के लिए ट्रेन्ड किया गया था.

बांग्लादेश से ही नजर रख रहे हैं वायुसेना प्रमुख
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया इस वक्त बांग्लादेश दौरे पर हैं और वहीं से हालातों पर अपनी नजर रखे हुए हैं. वायुसेना के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि एयर चीफ मार्शल भदौरिया बांग्लादेश से इस पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं. उन्होंने जांच के आदेश दे दिए हैं. वेस्टर्न कमांडर एयर मार्शल वीआर चौधरी मौके पर मौजूद हैं.

Advertisement

एयर मार्शल विक्रम सिंह पहुंचेंगे मौके पर
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वायुसेना वाइस एयर चीफ एयर मार्शल एचएस आरोड़ा से बात की है और मामले पर जानकारी ली है. अब वेस्टर्न कमांड के दूसरे सबसे सीनियर अधिकारी एयर मार्शल विक्रम सिंह हालात का जायजा लेने के लिए एयरफोर्स स्टेशन पहुंचने वाले हैं. 

ड्रोन को पकड़ पाना मुश्किल टास्क
ड्रोन को पकड़ पाना बहुत मुश्किल टास्क है, क्योंकि दुनियाभर की कंपनियां डिटेक्शन के लिए तीन तरह की टेक्नीक अपनाती हैं. पहली RF-मॉनिटरिंग, दूसरी रडार और तीसरी ऑप्टिकल सेंसर (कैमरा). हालांकि, इन तीनों की ही अपनी कुछ लिमिटेशन भी है. जैसे, RF-मॉनिटरिंग प्री-प्रोग्राम्ड और सैटेलाइट ड्रोन को नहीं पकड़ पाता. ऐसे ही रडार के मामले में ड्रोन को डिटेक्ट कर पाना उसकी रेंज पर डिपेंड करता है. वहीं, ऑप्टिकल सेंसर यानी कैमरे कम दूरी के ड्रोन ही डिटेक्ट कर पाता है. अगर ज्यादा दूरी के ड्रोन को पकड़ना है तो उसके लिए थर्मल कैमरा का इस्तेमाल करना होगा, जो काफी महंगा पड़ता है.

एक और जगह से IED बरामद
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि जम्मू पुलिस ने दूसरी जगह से 5-6 किलो का IED विस्फोटक बरामद किया है. ये विस्फोटक लश्कर-ए-तैयबा के ठिकाने से बरामद किया गया है. उन्होंने बताया कि आतंकि इस विस्फोटक का इस्तेमाल किसी भीड़भाड़ वाली जगह पर करने की साजिश रच रहे थे और किसी बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में थे. उन्होंने बताया कि एयरफोर्स स्टेशन ब्लास्ट केस पर भी पुलिस काम कर रही है.

Advertisement

नदीम उल हक नाम का शख्स गिरफ्तार 
आईइडी ब्लास्ट केस के संबंध में जम्मू पुलिस ने नदीम उल हक नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है. वह 22 साल का है और बनिहाल का रहने वाला है.बताया जा रहा है कि उसे टीआरएफ ने चार किलो आईइडी  दिया था. जिसे ज्यादा से ज्यादा नुकसान के लिए जम्मू के भीड़भाड़ वाले में रखे जाने का निर्देश दिया गया था. सूत्रों का कहना है कि इस मामले और गिरफ्तारियां हो सकती हैं.

 

Advertisement
Advertisement