दक्षिण कश्मीर के शोपियां में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर सद्दाम पैडर और आतंक की राह अपनाने वाले कश्मीर यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर मोहम्मद रफी भट समेत पांच आतंकी मारे गए हैं. रविवार को इस मुठभेड़ के दौरान दोनों ओर की गोलीबारी में पांच आम नागरिक भी मारे गए हैं. साथ ही तीन सुरक्षाकर्मी घायल हो गए, जिनका इलाज चल रहा है.
मारे गए सभी पांच आतंकियों की पहचान सद्दाम हुसैन पद्देर, बिलाल अहमद मोहन्द, आदिल अहमद मलिक, तौसीद अहमद शेख और कश्मीर यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर एवं पीएचडी शोधार्थी मोहम्मद रफी भट के रूप में हुई है. शोपियां क्षेत्र के हेफ का रहने वाला पद्देर सितंबर 2014 से सक्रिय था, जबकि मलिक साल 2014 और शेख साल 2013 से सक्रिय थे. मोहन्द साल 2016 से सक्रिय था, जबकि रफी पिछले शुक्रवार को ही आतंकी संगठन से जुड़ा था.
शनिवार को मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने आतंकियों से कई बार आत्मसमर्पण करने को कहा और उनके परिवार के सदस्यों को भी उनसे बात करने के लिए मनाया, लेकिन वो नहीं माने. कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक एसपी पाणि ने बताया कि पुलिस बार-बार प्रोफेसर भट से आत्मसमर्पण करने की अपील कर रही थी, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ.
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि मुठभेड़ के दौरान दोनों तरफ की गोलीबारी में कई आम नागरिक घायल हो गए और इनमें से पांच की मौत हो गई. बाकी घायलों की हालत स्थिर बताई जा रही है. इससे पहले शनिवार को शहर के चट्टबल इलाके में सुरक्षाबलों ने गोलीबारी के दौरान तीन आतंकवादियों को मार गिराया था. इस घटना के 24 घंटे से भी कम समय में सुरक्षा बलों को पांच आतंकियों को ढेर करने में कामयाबी मिली है.
कश्मीर यूनिवर्सिटी ने परीक्षा स्थगित की
उधर, शनिवार से कश्मीर यूनिवर्सिटी ने ऐहतियाती तौर पर दो दिन के लिए क्लास निलंबित कर दी हैं और सोमवार को होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं. इसके अलावा दक्षिण कश्मीर के जिलों और मध्य कश्मीर के गांदेरबल में मोबाइल इंटरनेट सेवांए बंद कर दी गई हैं.
CM महबूबा मुफ्ती ने नागरिकों की मौत पर जताया दुख
आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ के दौरान मारे गए नागरिकों की मौत पर जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने दुख जताया है. इस मुठभेड़ में पांच नागरिक मारे गए हैं. इस दौरान महबूबा मुफ्ती ने कहा कि बंदूक चाहे आतंकवादी की हो या सुरक्षाबलों की, वे मुद्दे को हल नहीं कर सकती हैं. राजनीतिक मामलों को सुलझाने के लिए राजनीतिक हस्तक्षेप की जरूरत होती है.
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के मुद्दे सभी पक्षों के बीच सिर्फ बातचीत के मार्फत ही हल हो सकते हैं. महबूबा ने कहा , ''यह बहुद दुखद है कि हमारा राज्य हिंसा के खत्म न होने वाले चक्र में युवाओं की जिंदगियों को गंवा रहा है, जिनका इस्तेमाल राज्य में सकारात्मक योगदान के लिए किया जा सकता था.''
अलगाववादियों ने हड़ताल और मार्च निकालने का किया आह्वान
वहीं, शोपियां में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ के दौरान नागरिकों की मौत के विरोध में अलगावादियों ने सोमवार को हड़ताल करने और राज्य सचिवालय तक मार्च निकालने का आह्वान किया है. राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में राज्य सचिवालय आज खुलेगा. राज्य में सरकार का कामकाज छह महीने श्रीनगर से और छह महीने जम्मू से होता है. ज्वाइंट रेजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) के बैनर तले अलगाववादियों के बयान में कहा गया कि शोपियां में लोगों के मारे जाने के खिलाफ सोमवार को पूरे कश्मीर में हड़ताल जारी रहेगी.
इस साल करीब 60 आंतकियों का सफाया
'ऑपरेशन ऑलआउट' के जरिए कश्मीर घाटी को आतंकवाद मुक्त करने के मिशन पर निकली भारतीय सेना ने पिछले साल 208 आतंकवादियों को ठिकाने लगाया था. इस साल अब तक 59 आतंकवादियों का सफाया किया जा चुका है. इसकी वजह से ही कश्मीर में आतंकवादी संगठनों के पास लेबर फोर्स की कमी हो गई है.
कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना का 'ऑपरेशन ऑलआउट' दिन दूनी-रात चौगुनी रफ्तार से जारी है. इसी कारण से आतंकवादी संगठनों और उनके आकाओं के दिन का चैन और रात की नींद उड़ी हुई है. रक्षा विशेषज्ञ पीके सहगल ने 'ऑपरेशन ऑलआउट' के फेज टू में 14 आतंकियों की लिस्ट जारी की. पहले 10 दिन में दो को उड़ा दिया. ऑपरेशन के फेज वन में 30 में से 25 मुखिया मारे जा चुके हैं.