जम्मू-कश्मीर में पिछले 96 घंटे से बारिश और बाढ़ से लोग परेशान हैं. राज्य में अब तक 70 लोगों की मौत हो गई है. बिगड़ते हालात को देखते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एनडीआरएफ को 6 टीमें भेजने के आदेश दिए हैं. एनडीआरएफ की ये टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों में काम करेगी. जम्मू-कश्मीर में बाढ़ से मरने वालों के परिवारवालों को प्रधानमंत्री राहत कोष से 2-2 लाख रुपये देने का एलान किया गया है. इस बीच राज्य सरकार ने भी राहत-बचाव के काम के लिए 20 करोड़ रुपये दिए हैं. जम्मू में चेनाब-तवी नदी उफान पर है.
श्रीनगर के लोगों ने कभी ऐसी जिंदगी की कल्पना नहीं की थी, लेकिन पिछले तीन दिनों से पहाड़ों पर हुई झमाझम बारिश से कश्मीर घाटी की नदियां उफनने लगी. श्रीनगर से लेकर गांदरबल, कुलगाम तक घाटी का कोना कोना उफनती नदियों के कोहराम से जार जार हो रहा है. सडकों पर, घरों के अहाते में, गलियों में, चौक चौराहों पर हर तरफ पानी ही पानी है. पानी भी इतना कि श्रीनगर के लोगों की जिंदगी अचानक ठहर गई हैं. जिंदगी पहाड़ सी लगने लगी है.
श्रीनगर से होकर बहने वाली दूध गंगा नदी के बांध का हिस्सा लहरों में उफान की वजह से टूटा तो शहर में तबाही आ गई. लोग अपने घरों में भी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. छतों पर तो जान सुरक्षित है लेकिन रोजमर्रा की जरुरतें पूरी करने के लिए सड़क पर उतरें तो कैसे. श्रीनगर की सड़कों पर इतना पानी है कि मंजर खौफनाक नजर आता है.
लोग कह रहे हैं कि घाटी की ऐसी तस्वीर पहले कभी नहीं देखी. जानकारों की माने तो 35 साल बाद कश्मीर घाटी में ऐसी बाढ़ आई है. झेलम का जल स्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर है.
नतीजा ये कि श्रीनगर के ज्यादातर हिस्से में बाढ़ का पानी घुस गया है. श्रीनगर के अस्पताल, स्कूल, सरकारी, गैर सरकारी इमारतें बाढ़ के पानी में डूबी हैं.
कश्मीर घाटी में अचानक आए जल प्रलय में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है. कुछ लोगों की जिंदगी बाढ़ ने छीनी तो कइयों की मौत भारी बारिश के बाद चट्टान खिसकने से हुई. बाढ़ से प्रभावित इलाकों में सभी स्कूल, कॉलेज बंद करा दिए गए हैं. राजनाथ सिंह ने राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात की है और राज्य को हर संभव मदद का भरोसा दिया है.
मौसम विभाग की मानें तो कश्मीर घाटी में आफत की बारिश अभी और होगी. अनुमान है कि पहाड़ों पर और घाटियों में अगले 48 घंटे और बारिश हो सकती है. पिछले 3 दिनों की बारिश में ही कश्मीर की तमाम नदियां और नाले खतरे के निशान से ऊपर हैं. भारी बारिश का सिलसिला आगे भी जारी रहा तो धरती के जन्नत का क्या होगा, आप समझ सकते हैं.