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जम्मू-कश्मीर आपदा: फायदा उठा रहा पाक, श्रीनगर में संचार सेवा बहाल

जम्मू-कश्मीर में आई भयावह बाढ़ में राहत और बचाव काम जारी है. इस बीच खबर आई है कि श्रीनगर में संचार सेवा बहाल कर दी गई है. निजी कंपनियों की मोबाइल सेवा भी शुरू हो गई है. जहां एक ओर बाढ़ से पूरा देश परेशान है वहीं पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहा है.

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कश्मीर में आई भयंकर बाढ़, फायदा उठाने की फिराक में PAK
कश्मीर में आई भयंकर बाढ़, फायदा उठाने की फिराक में PAK

जम्मू-कश्मीर में आई भयावह बाढ़ में राहत और बचाव काम जारी है. इस बीच खबर आई है कि श्रीनगर में संचार सेवा बहाल कर दी गई है. निजी कंपनियों की मोबाइल सेवा भी शुरू हो गई है. जहां एक ओर बाढ़ से पूरा देश परेशान है वहीं पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहा है. रीजनल अखबारों में छपी रिपोर्टों के मुताबिक बाढ़ की वजह से दूरदर्शन और आकाशवाणी का प्रसारण ठप हो जाने के बाद पाकिस्‍तानी चैनलों के माध्‍यम से घाटी के लोगों के बीच अफवाहें फैलाने से जुड़ी खबरें सामने आई हैं.

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हालांकि, भारत सरकार ने इस बात की खबर मिलते ही तुरंत कदम उठाए और डीडी कश्‍मीर का प्रसारण दिल्‍ली से शुरू करवाया. बता दें कि बाढ़ की वजह से श्रीनगर में दूरदर्शन का केंद्र तबाह हो गया था. दूरदर्शन के एक अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर में दूरदर्शन और आकाशवाणी केंद्र बाढ़ से तबाह हो गए हैं. जबकि कई पाकिस्तानी चैनल जम्मू-कश्मीर में प्रसारित हो रहे हैं. इससे गलत सूचनाओं का जाल बन रहा था, लेकिन दिल्ली से डीडी कश्मीर का प्रसारण शुरू होने से यह स्थिति खत्म हो गई है.

जितना बन पड़ रहा है हम कर रहे हैं: अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य पर आए इस भारी संकट के बारे में कहा, 'हमें नहीं पता था कि ऐसा संकट आ जाएगा. मैं अचानक से कुछ नहीं कर सकता. हमारे पास 2 हैलिपैड और एक रनवे ही है. जितना बन पड़ रहा है हम कर रहे हैं. जितना हमने किया उतना कोई नहीं कर सकता था. हम नहीं बता सकते कि स्थिति सामान्य कब तक होगी, लेकिन हम लोग प्रयास में जुटे हैं.'

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पढ़ें: 77 हजार लोगों को बचाया गया...

दूरदर्शन की कार्यवाहक प्रमुख विजय लक्ष्मी छाबड़ा ने कहा, 'हम चैनल का लगातार प्रसारण करने के लिए सभी कदम उठा रहे हैं. हालात सामान्य होने पर श्रीनगर से प्रसारण शुरू किया जाएगा.'  उधर, लेह घूमने गए एनआईटी के 150 छात्र भी जम्मू-कश्मीर बाढ़ में फंस गए थे. इन सभी छात्रों को श्रीनगर से दिल्ली के लिए रवाना कर दिया गया है.

बाढ़ की आड़ में आतंकियों की घुसपैठ!
खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि जम्मू-कश्मीर में आई बाढ़ की आड़ में पाकिस्तानी आतंकी घुसपैठ कर सकते हैं. एजेंट ने केंद्र सरकार को पाक में चल रहे आतंकी ठिकानों का एक मैप सौंपा है. आशंका जताई गई है कि पीओके में तहस-नहस हुए आतंकी प्रशिक्षण केंद्र से आतंकी भारतीय सीमा में प्रवेश कर सकते हैं. सीमारेखा पर कुछ जगहों पर लगे तारों के बाड़ भी बह गए हैं. इस वजह से घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकी संगठनों को मौका हाथ लगा है. सूत्रों का कहना है कि राहत कार्य देख रही सेना को इसके मद्देनजर सतर्क कर दिया गया है. सीमा पर सैटेलाइट और अन्य जरिए से इस पर कड़ी नजर रखी जा रही है.


बाढ़ में फंसे 3,200 से ज्यादा लोगों की जानकारी Google पर

जम्मू-कश्मीर में आई बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए एक ओर जहां सेना और एनडीआरएफ की टीमें लगी हुई है वहीं गूगल ने भी अपने अंदाज में लोगों की मदद करने की ठान ली है. गूगल ने 3,200 से ज्यादा ऐसे लोगों का डेटाबेस अपलोड किया है, जो बाढ़ में फंसे हो सकते हैं.

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बाढ़ प्रभावित जम्मू-कश्मीर में बचाव दलों की खोज और निगरानी क्षमता को बढ़ावा देने के लिए गूगल एप्प की मदद ली जा सकती है. ‘पर्सन फाइंडर’ नाम का यह गूगल एप्प खास रूप से बनाया गया है, जिससे लोगों को किसी आपदा से प्रभावित हुए अपने परिजनों या दोस्तों के लिए पोस्ट करने और उनकी स्थिति का पता लगाने में मदद मिलती है.

www.googleindia.blogspot.in लिंक पर क्लिक करके या 9773300000 नंबर पर 'search' मेसेज भेजकर आप बाढ़ में फंसे लोगों का पता लगा सकते हैं.

गूगल-इंडिया की पब्लिक पॉलिसी एनालिस्ट फातिमा आलम ने कहा, 'हम चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में एनजीओ और बचाव कार्यों में जुटे लोग ज्यादा से ज्यादा लोगों के बारे में जानकारी ई-लिंक पर अपलोड करे जिससे वहां फंसे ज्यादा से ज्यादा लोगों के बारे में पता चल सके.'

PM ने अधिकारियों से जम्मू कश्मीर में राहत अभियान तेज करने को कहा
पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि जम्मू-कश्मीर में भयावह बाढ़ के बाद बचाव और राहत अभियान तेज करने में राज्य सरकार को पूरा सहयोग दें. उन्होंने प्रभावित लोगों तक जरूरी वस्तुएं तेजी से पहुंचाने की जरूरत पर जोर दिया. राज्य में राहत अभियानों की समीक्षा के लिए बुधवार देर शाम आयोजित उच्चस्तरीय आपात बैठक की अध्यक्षता करते हुए मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भीषण आपदा में प्रभावित लोगों तक भोजन और पानी जैसी बुनियादी जरूरी चीजें पहुंचाने पर तत्काल ध्यान दिया जाए. पीएम ने निर्देश दिया कि पहली प्राथमिकता श्रीनगर शहर में प्रभावित लोगों तक जरूरी चीजें पहुंचाने की होगी.
हेल्पलाइन नंबर
एमरजेंसी आर्मी हेल्पलाइन: (+91) 011-23019831
गृह मंत्रालय हेल्पलाइन: (+91) 011-23093054 (+91) 011-23092763
NDRF कंट्रोल रूम: (+91) 011-26107953 (+91) 0-9711077372

 

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