कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल के साथ श्रीनगर एयरपोर्ट पर रोके जाने को लेकर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सफाई दी है. उन्होंने राहुल गांधी पर घाटी आने के निमंत्रण को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया है.
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा, 'मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैंने राहुल गांधी को तब घाटी आने के लिए आमंत्रित इसलिए किया था, ताकि वो कश्मीर की स्थिति को खुद देखे, जिसके बाद बाद वे आधारहीन बयानबाजी करने से परहेज करेंगे, लेकिन राहुल गांधी ने मेरे निमंत्रण पर राजनीति की. वे विपक्षी दलों के साथ आए और कहा कि वे हिरासत में लिए गए सभी नेताओं से मिलना चाहते हैं, साथ ही कहा कि वे मीडिया से बातचीत करना चाहते हैं.'
आगे उन्होंने कहा जब राहुल गांधी ने मेरे निमंत्रण पर इस तरह की राजनीति की तो मैंने अपना निमंत्रण वापस ले लिया. आगे उन्होंने कहा कि अब यह फैसला करना प्रशासन का विशेषाधिकार है कि राहुल गांधी को कश्मीर की यात्रा करनी चाहिए या नहीं.
Governor Satya Pal Malik's statement on Rahul Gandhi's visit@kansalrohit69 @dwivedimk_ias@JmuKmrPolice pic.twitter.com/ZM2M0sPaLt
— DIPR-J&K (@diprjk) August 26, 2019
राज्यपाल ने कहा कि प्रशासन ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था जब घाटी में शांति बनाए रखने की कोशिश हो रही है, तो ऐसे में शांति बनाए रखने में मदद करने के बजाय शांति भंग करने के लिए किसी भी राजनेता को नहीं आना चाहिए.
राज्यपाल ने कहा कि राहुल गांधी को समझना चाहिए कि उनकी यात्रा लोगों के लिए परेशानी खड़ी करती. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने शांति प्रक्रिया में अड़चन पैदा करने की कोशिश की. उन्हें जब ऐसा नहीं करने की अनुमति दी गई, तो वे दिल्ली लौट गए और कश्मीर की स्थिति के बारे में गलत बयान दिए.
उन्होंने कहा कि मैं राहुल गांधी को बता देना चाहता हूं कि भारत के खिलाफ उनके ऐसे बयान को पाकिस्तान इस्तेमाल कर रहा है. उन्हें समझना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति अभी नाजुक है और यह राष्ट्रहित का मुद्दा है.
उन्होंने कहा कि मैं राहुल गांधी से गुजारिश करना चाहता हूं कि ओछी राजनीति के लिए संवेदनशील मुद्दे का इस्तेमाल करने के बजाय राष्ट्रहित को प्राथमिकता दें.