जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि हुर्रियत भारत सरकार के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि यह सकारात्मक पहल है. शनिवार को जारी बयान में राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि यह हौसला बढ़ाने वाला है कि हुर्रियत के नेता बातचीत करने के लिए तैयार हैं.
सत्यपाल मलिक ने हुर्रियत(एम) के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक के ड्रग के खतरे पर बोलने के लिए अभिवादन भी किया. सत्यपाल मलिक ने कहा कि हुर्रियत की सामाजिक मुद्दों पर की जा रही बातचीत का स्वागत होना चाहिए.
हुर्रियत कांफ्रेंस के अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक को आज या शनिवार को श्रीनगर स्थित उनके ही घर में नजरबंद कर दिया गया. मीरवाइज के नेतृत्व वाले हुर्रियत के एक प्रवक्ता ने कहा कि शहर के बाहरी इलाके में मीरवाइज उमर फारूक के निवास पर एक पुलिस दल पहुंचा और उन्हें सूचित किया कि अब वह अपने घर से बाहर नहीं जा सकते हैं. प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस ने मीरवाइज को नजरबंद करने का कोई कारण नहीं बताया है.
वहीं दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को कश्मीरी अलगाववादी नेताओं- शब्बीर शाह, मसरत आलम भट व आसिया अंद्राबी को आतंकवादी धनपोषण (फंडिंग) मामले में 12 जुलाई तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की 10 दिन की हिरासत की अवधि समाप्त होने पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनिल अंतिल के समक्ष पेश किया गया. एनआईए ने अदालत से इन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का आग्रह किया.
अपनी खराब सेहत का हवाला देते हुए अंद्राबी ने अदालत से अगली सुनवाई में वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए पेश होने का आग्रह किया। अदालत ने बचाव पक्ष के वकील से अवकाश के बाद संबंधित अदालत से संपर्क करने को कहा. शाह, भट और अंद्राबी को आतंकी फंडिंग मामले के संबंध में 4 जून को गिरफ्तार किया था. आतंकी फंडिंग मामले को एनआईए ने कश्मीर घाटी में हिंसा भड़कने के बाद मई 2017 में दर्ज किया था.