जम्मू-कश्मीर सरकार ने बुधवार को केंद्र सरकार को लगातार बारिश के मद्देनजर बने हालात के बारे में सूचित किया. मोहम्मद मुफ्ती सईद की सरकार ने केंद्र को बाढ़ के हालात से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी.
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश के मुख्य सचिव मोहम्मद इकबाल खांडाय ने कैबिनेट सेक्रेटरी अजीत सेठ को मौजूदा हालात के बारे में और इससे निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दी.
मुख्य सचिव ने कहा, 'प्रशासन पूरी तरह चौकन्ना है और लोगों के जान माल की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाये जा रहे हैं.' उन्होंने केंद्र सरकार को बताया कि थोड़ी देर रुकने के बाद फिर से बारिश शुरू हो गई है, लेकिन श्रीनगर में पानी का स्तर धीरे धीरे कम हो रहा है और नदी खतरे के निशान से नीचे बह रही है.
हालांकि उन्होंने कहा कि मौसम विभाग का पूर्वानुमान चिंता का कारण है और सरकार ने किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए अपने लोगों और तंत्र को पूरी तरह तैयार कर लिया है. इस बीच अधिकारियों ने ऊंचे इलाकों में नए सिरे से हिमपात होने के बाद घाटी के सात जिलों के कुछ इलाकों में हिमस्खलन की चेतावनी जारी की है.
कश्मीर के संभागीय आयुक्त से मिले संदेश का हवाला देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा, बारामूला, कुपवाड़ा, बांदीपुरा और गांदेरबल जिलों के हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में अगले 24 घंटे के लिए हिमस्खलन की चेतावनी बनी हुई है. चेतावनी के मद्देनजर इन जिलों के उपायुक्तों से अनुरोध किया गया है कि लोगों को संवेदनशील क्षेत्रों में नहीं जाने की सलाह दी जाए.
इस बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर के नेतृत्व में पार्टी का एक दल श्रीनगर में लगातार बारिश और बाढ़ जैसे हालात से प्रभावित लोगों तक पहुंचा और मुफ्ती सईद सरकार से आग्रह किया कि हालात नियंत्रण से बाहर नहीं होने चाहिए.
-इनपुट भाषा से