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BJP का दावा, जम्मू-कश्मीर में जल्द बनेगी स्थिर सरकार

जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाए जाने के बाद अब बीजेपी ने उम्मीद जताई है कि राज्य में जल्द ही स्थ‍िर सरकार का गठन होगा. पार्टी ने कहा कि राज्यपाल शासन लगाया जाना लोकतंत्र की बहाली के लिए जरूरी था.

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जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाए जाने के बाद अब बीजेपी ने उम्मीद जताई है कि राज्य में जल्द ही स्थ‍िर सरकार का गठन होगा. पार्टी ने कहा कि राज्यपाल शासन लगाया जाना लोकतंत्र की बहाली के लिए जरूरी था. जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू

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बीजेपी का दावा है कि राज्य में जल्द ही स्थिर सरकार गठित होगी, जो चौतरफा विकास के लिए काम करेगी. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष व जम्मू से सांसद जुगल किशोर शर्मा ने पुंछ में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, 'शीघ्र ही सरकार का गठन हो जाएगा. सभी क्षेत्र के सभी इलाकों में विकास का काम करना एक बड़ी जिम्मेदारी है.'

राज्यपाल शासन लगाए जाने को उचित ठहराते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि लोकतंत्र बहाली के लिए यह जरूरी था. उन्होंने कश्मीरी पंडितों के एक संगठन 'पनुन कश्मीर' की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, 'राज्यपाल शासन का यह मतलब नहीं कि यह स्थायी समय के लिए होगा. यह भी लोकतंत्र की एक प्रक्रिया है. कभी कभी शांति स्थापना के लिए युद्ध लड़े जाते हैं. उसी तरह से लोकतंत्र बहाली के लिए राज्यपाल शासन लगाया जाता है.'

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एक अन्य कार्यक्रम में विल्लार से बीजेपी के नवनिर्वाचित विधायक निर्मल सिंह ने कहा, 'पार्टी नेतृत्व अन्य दलों के साथ सम्पर्क में है और बातचीत के रास्ते खुले हुए हैं. हम समान विचार वाली पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहते हैं, जो हमारी विचारधारा को स्वीकार करें.'

निर्मल सिंह ने राज्य में राज्यपाल शासन लगने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'चूंकि उमर अब्दुल्ला ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप काम करना जारी रखने से इनकार कर दिया, इससे राज्य में राज्यपाल शासन लगाना पड़ा, नहीं तो यह 18 जनवरी के बाद लगाना पड़ता.'

जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन तब लगाया गया था, जब 28 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी पीडीपी और 25 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी बीजेपी सरकार गठन के लिए जरूरी संख्या जुटाने में विफल रही. 87 सदस्यीय विधानसभा में नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस को महज 12 सीटें मिली थीं.

उमर अब्दुल्ला के कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने से इनकार कर देने के बाद प्रदेश में राज्यपाल शासन लगाना पड़ा था. उन्होंने इस आधार पर कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने से मना कर दिया था कि राज्य को पूर्ण प्रशासक चाहिए.

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अखनूर में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बीजेपी पर राज्य में राजनैतिक अस्थिरता पैदा करने के लिए कश्मीरी अलगाववादियों के एजेंडा को हाईजैक करने का आरोप लगाया. शाम लाल शर्मा ने पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, 'बीजेपी की राज्य में सरकार गठन में कम दिलचस्पी है. वे जम्मू-कश्मीर में राजनैतिक अस्थिरता और अनिश्चितता पैदा करने के लिए हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के एजेंडा को हाईजैक करना चाहते हैं.'

उन्होंने कहा, 'लोगों ने बदलाव के लिए मतदान किया. उन्हें अब तय करने दें कि कैसे उनके जनादेश का अपमान किया जा रहा है. जरूरी संख्या बल होने के बावजूद वे सरकार गठन में विफल रहे, जिसकी वजह से राज्य में राज्यपाल शासन लगाना पड़ा.' उन्होंने कहा कि बीजेपी ने क्षेत्र के लोगों की भावनाओं और आकांक्षाओं से समझौता किया है.

गृहमंत्री को भेजी गई राज्यपाल की रिपोर्ट में कुछ सुझाव थे. इसमें विधानसभा चुनाव में खंडित जनादेश आने के बाद किसी भी पार्टी के पास पर्याप्त संख्या नहीं होने के मद्देनजर अल्प समय के लिए राज्यपाल शासन लगाने का विकल्प भी शामिल था. चुनाव के नतीजे आने के बाद न तो पीडीपी और न ही बीजेपी सरकार गठन के लिए 44 के जादुई आंकड़े को हासिल कर सकी. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने गत शुक्रवार को विजयवाड़ा में कहा था कि उनकी पार्टी की पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस दोनों के साथ बातचीत चल रही है.

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