जम्मू-कश्मीर में बाढ़ प्रभावितों के लिए राहत कार्य में सेना के जवान जुटे हुए हैं, वहीं अभी तक 1 लाख 84 हजार से अधिक बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. प्रदेश के मुख्यमंत्री उमर अब्दुला ने बाढ़ पर सियासत करने वालों को जमीन पर आकर काम करने की सलाह दी है.
रक्षा मंत्रालय द्वारा रविवार शाम को जारी एक बयान के मुताबिक, सशस्त्र बलों और एनडीआरएफ ने राज्य के विभिन्न इलाकों में चल रहे राहत और बचाव अभियान में अभी तक 1,84,000 लोगों को बचाया है. सशस्त्र बलों की करीब 80 मेडिकल टीमें युद्ध स्तर पर पहले ही काम शुरू कर चुकी हैं. अवंतिपुरा, पट्टन, अनंतनाग और ओल्ड एयरफील्ड में चार फील्ड अस्पताल स्थापित किए गए हैं, जहां बीमार लोगों को चिकित्सा सहायता मुहैया कराई जा रही है.
अभी तक इन अस्पतालों में 51,476 मरीजों का इलाज किया गया है. इसके अलावा श्रीनगर में भी दो पूर्ण सुसज्जित फील्ड अस्पताल स्थापित किए गए हैं, जहां लैब टैस्ट की भी सुविधा उपलब्ध है. सोमवार को साउथ ब्लॉक में बाढ़ के हालात पर केंद्रीय कैबिनेट की बैठक भी बुलाई गई है. यह बैठक शाम साढ़े चार बजे होनी है.
एयर इंडिया ने 700 लोगों को बाहर निकाला
भयानक बाढ़ के कारण जम्मू-कश्मीर में फंसे लोगों में से एयर इंडिया ने रविवार को 700 लोगों को बाहर निकाला. विमानन कंपनी ने श्रीनगर से आठ और लेह से दो उड़ानें संचालित कीं. एयर इंडिया के विमानों ने कंबल, दवाओं और पेयजल सहित करीब 11 टन राहत सामग्री के परिवहन का भी काम किया. विमानन कंपनी ने कहा कि लेह से करीब 250 यात्रियों को और श्रीनगर से करीब 450 यात्रियों को निकाला गया है. एयर इंडिया और निजी विमानन कंपनियों ने मिलकर शनिवार तक 1,400 लोगों को बाहर निकाला था.
अफवाह फैलाने वालों पर बरसे उमर
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज कहा कि राहत और बचाव कार्य तेज किया जा रहा है. उमर ने अफवाह फैलाने वालों के लिए कहा, 'श्रीनगर में इस तरह की बातें फैल रही हैं कि बचाव कार्य केवल पर्यटकों, वीआईपी और बाहरी मजदूरों तक सीमित है. जब आप संख्या पर गौर करेंगे तो सच्चाई पता चलेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना ने अकेले कश्मीर के 59 हजार लोगों को बचाया है, जबकि एनडीआरएफ ने 10 हजार लोगों को बचाया. इसके अलावा सीआरपीएफ और अन्य एजेंसियों ने बचाया.'
काटजू ने केंद्रीय कमान केंद्र स्थापित करने की अपील की
प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मार्कण्डेय काटजू ने बाढ़ प्रभावित जम्मू कश्मीर में राहत कार्य में समन्वय के लिए एक केंद्रीय कमान केंद्र स्थापित करने की जरूरत पर जोर दिया. गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ मुलाकात के दौरान काटजू ने कहा कि केंद्रीय गृह सचिव ऐसे केंद्र की अध्यक्षता कर सकते हैं, जबकि जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव दूसरे ओहदे पर हो सकते हैं. काटजू ने कहा कि एक केंद्रीय कमान की जरूरत है जो सभी राहत एजेंसियों के काम को समन्वित करेगा. हालांकि, फिलहाल ये एजेंसियां अच्छा काम कर रही हैं, लेकिन असमन्वित तरीके से कर रही हैं इसलिए उनकी प्रभावकारिता घट रही है.
दिल्ली बीजेपी ने भेजी राहत सामग्री
इस बीच बीजेपी की दिल्ली इकाई ने बाढ़ प्रभावित जम्मू-कश्मीर में प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री से लदा एक ट्रक रविवार को रवाना किया. दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ ट्रक को रवाना किया. उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित राज्य में बचाव अभियान में सहायता के लिए वे अपने कार्यकर्ता भेजने को भी तैयार हैं. राहत सामग्री में 300 टेंट, चार टन चावल, एक टन दाल, 500 कंबल, महिलाओं के कपड़े, बिस्किट और पानी की बोतलों के अलावा 5.5 लाख रुपये की दवाइयां शामिल हैं.
गहलोत ने राहत सामग्री रवाना किया
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और भारत सेवा संस्थान के संस्थापक अशोक गहलोत ने भी रविवार को बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए संस्थान की ओर से खाद्य सामग्री के एक ट्रक को अपने निवास से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. गहलोत ने कहा कि इस बार की बाढ़ से जम्मू-कश्मीर में भयंकर तबाही हुई है और राजधानी श्रीनगर तक तहस-नहस हो गई है.