अमरनाथ यात्रा को लेकर गृह मंत्रालय और सुरक्षा बलों ने बड़ी तैयारी की है. सूत्रों के मुताबिक इस साल 311 से ज्यादा अर्धसैनिक बलों की कंपनियां अमरनाथ यात्रा रूट और पवित्र गुफा तक तैनात की जाएंगी. इसके अलावा पहलगाम और बालटाल दोनों रूट पर सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई भी जाएगी. यात्रा रूट पर आईडी के खतरे को देखते हुए बीडीटी टीम की संख्या दोगुनी की जाएगी.
बता दें कि अमरयात्रा की सुरक्षा आतंकी हमले के अलर्ट के बाद बढ़ाने का फैसला लिया गया है. खुफिया रिपोर्ट है कि आतंकी अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा बलों के कैंप पर फिदायीन हमला कर सकते हैं.
अलर्ट को देखते हुए यात्रा रूट पर सीसीटीवी और ड्रोन की संख्या दोगुनी की जाएगी. पहलगाम के नुनवान कैंप और बालटाल कैंप की सुरक्षा के लिए स्पेशल कमांडो तैनात किए जाएंगे. सीआरपीएफ ने बुलेट प्रूफ एंटीमाइन व्हीकल की संख्या को भी इस साल दोगुना कर दिया है. पिछली साल के अपेक्षा 50 अर्द्धसैनिक बलों की कंपनियां अमरनाथ यात्रा के लिए तैनात किया गया है.
बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम को बदला है. सूत्रों के मुताबिक पिछले शनिवार को जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मालिक ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, जिसमें अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर बातचीत हुई थी.
अमरनाथ यात्रा को ध्यान में रखते हुए मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह ने गृह सचिव राजीव गौबा, जम्मू कश्मीर डिवीजन के एडिशनल सेक्रेटरी और खुफिया विभाग के अधिकारियों के साथ मुलाकात की.
बता दें कि अमरनाथ यात्रा एक जुलाई से शुरू होने वाली है. अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी प्रकट हो चुके हैं और पिछले कई सालों के मुकाबले इस साल अमरनाथ गुफा में शिवलिंग का आकार भी काफी बड़ा है.