पाकिस्तानी आतंकवादियों से जूझते हुए भारतीय सेना ने बच्चों का भविष्य संवारने के लिए कश्मीर घाटी में एक नई पहल की है. सेना ने घाटी के छात्रों के लिए 'कश्मीर सुपर 30 मेडिकल' कोचिंग की शुरुआत की है. यहां दूरदराज के गरीब बच्चों को मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए निशुल्क आवासीय कोचिंग दी जा रही है.
सेना के सुपर-30 सेंटर में कश्मीर के नौनिहालों का भविष्य संवारा जा है. सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस इस सेंटर में छात्रों को बेहतरीन कोचिंग दी जा रही है. मेडिकल की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए कश्मीर सुपर-30 की शुरुआत इसी साल जून से की गई. जम्मू कश्मीर के अलग-अलग इलाकों से आए इन छात्रों की आंखों में चमक देखी जा सकती है. ये डॉक्टर बनकर अपने इलाके की सेवा करना चाहते हैं.
इस सेंटर के प्रभारी मेजर ने 'आजतक' को बताया कि पिछले एक साल से सेना की कोशिश रही है कि युवाओं को इस ओर प्रेरित करते हुए उन्हें मुख्यधारा में लाया जाए. इसके अलावा सेना यहां के युवाओं के लिए सद्भावना टूर भी आयोजित करती है, जिसमें उन्हें देशभर के कई जगहों पर जाने का मौका मिलता है.
उल्लेखनीय है कि सेना कश्मीर में अलग अलग स्तर पर युवाओं और लड़कियों को आर्थिक रूप से मजबूत करने का काम कर रही है. इसी का एक उदाहरण है युवा लड़की मेहविश ज़रगर की. वह श्रीनगर मी एंड यू के नाम से रेस्तरां चला रही हैं. इस युवा लड़की को तमाम तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन आखिरकार उनका सपना पूरा हुआ. सेना ने इसी तरह से श्रीनगर में सालों से बंद पड़ी रेशम की मिल को शुरू कराने में मदद की. गुलाम मोहम्मद भट्ट की मदद से इस बंद पड़ी रेशम की मिल को शुरू किया गया. इस साल 15 अगस्त से इस मिल में एक बार फिर 150 से ज्यादा लोग काम करेंगे.
बता दें कि यह प्रोजेक्ट बिहार के आनंद कुमार के सुपर 30 की तर्ज पर शुरू किया गया था. आनंद कुमार के सुपर 30 का मकसद गरीब घरों के प्रतिभाशाली छात्रों को उचित कोचिंग देकर उन्हें आईआईटी क्रैक करने में मदद करना है.