जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ मोर्चा ले रही सेना की सबसे महत्वपूर्ण 15 कोर में सैन्य अधिकारियों के गोल्फ खेलने पर फिलहाल रोक लगा दी गई है. सेना के सूत्रों के मुताबिक, यह रोक पिछले लगभग एक साल से लगी हुई है. ऐसे अगर किसी अधिकारी को गोल्फ़ खेलना हो तो वह श्रीनगर में गवर्नर हाउस में भुगतान करके खेल सकता है.
दरअसल, कुछ समय पहले सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत जम्मू-कश्मीर के दौरे पर थे. 15 कोर के हेडक्वार्टर बादामी बाग में सुरक्षा की एक अहम बैठक ले रहे थे. उस दिन उन्होंने देखा कि कश्मीर में ऑपरेशन के दौरान शहीद हुए कुछ जवानों के पार्थिव शरीर 15 कोर हेडक्वॉर्टर में पहुंच रहे हैं और इस दौरान भी कुछ सेना के वरिष्ठ अधिकारी गोल्फ खेलने में मशरूफ थे. ऐसे में सेना प्रमुख ने फैसला लिया कि जब ज्यादातर अधिकारी और जवान आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन में लगे हुए हैं. ऐसे में कुछ अधिकारियों का गोल्फ खेलना ठीक नहीं है.
ऐसे में पिछले 1 साल से 15 कोर में गोल्फ खेलने पर रोक लगी हुई है. दरसल, उरी में हुए आतंकी हमले के बाद उस वक्त के सेनाध्यक्ष जनरल दलबीर सुहाग ने भी कश्मीर में गोल्फ खेलने पर रोक लगाई थी लेकिन उस वक्त यह फैसला सिर्फ पूरी ब्रिगेड में ही लागू हो पाया. हालांकि यह फैसला पूरी कश्मीर घाटी के लिए था.
सूत्रों के मुताबिक, इस फैसले से कुछ अधिकारी नाराज हैं लेकिन ज्यादातर अधिकारी और जवान फैसले के पक्ष में हैं. सेना में गोल्फ कोर्स को लेकर पहले भी रक्षा मंत्रालय सवाल उठा चुका है. सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में देशभर में सेना के लगभग 100 गोल्फ़ कोर्स को लेकर सवाल खड़े किए थे.