गृह मंत्रालय ने एक साल की उपलब्धियां गिनाई हैं. गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि लागू किया गया निवास का कानून जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के स्थानीय नागरिकों के हितों की रक्षा करता है. सरकारी भर्तियों के लिए बेसिक योग्यता को देखते हुए निवास प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं.
-IIT Jammu starts functioning from its own campus
-Work of AIIMS Jammu started@PMOIndia @HMOIndia@MIB_India @PIB_India @airnewsalerts @DDNewslive
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) August 4, 2020Advertisement
गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि सभी पीआरसी धारक निवास प्रमाण पत्र के लिए स्वतः योग्य हैं. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि वर्षों बाद पंचायत चुनाव कराए गए. ये चुनाव निष्पक्ष और शांतिपूर्ण संपन्न कराए गए. बहिष्कार के तमाम आह्वान और आतंकी धमकियों के बावजूद इन चुनावों में 74.1 फीसदी मतदान हुआ. यह लोकतंत्र की जीत है.
Despite boycott calls & militant threats 74.1% turnout recorded, massive victory for grassroots democracy@PMOIndia @HMOIndia @MIB_India @PIB_India @airnewsalerts @DDNewslive
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इसके अलावा गृह मंत्रालय ने लद्दाख की भी चर्चा की है. गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि लद्दाख में कृषि और बागवानी पर ध्यान केंद्रित किया गया. इसके लिए मिशन ऑर्गेनिक डेवलपमेंट इनिशिएटिव (MODI) की शुरुआत की गई. इसके लिए 500 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए. साल 2025 तक लद्दाख को एक ऑर्गेनिक क्षेत्र में तब्दील करने का लक्ष्य रखा गया है.
Domicile Law in UT of J&K implemented to protect people’s interest, Domicile Certificate made basic eligibility condition for Govt Recruitment; All erstwhile PRC holders automatically eligible for Domicile Certificate; pic.twitter.com/8cL4HKzyMh
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) August 4, 2020
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गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का एक साल पूरा होने पर श्रीनगर में कर्फ्यू लगाया गया है. बता दें कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने से पहले ही फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था. जम्मू कश्मीर में मोबाइल, टेलीफोन और इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगा दी गई थी.