scorecardresearch
 

उमर अब्दुल्ला बोले- पीडीपी के साथ मिलकर नहीं लड़ेंगे चुनाव, राज्य को बचाने के लिए समर्थन

नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को बचाने के लिए पीडीपी को हमारा समर्थन था,  लेकिन पीडीपी के साथ मिलकर नहीं लड़ेंगे चुनाव. 

Advertisement
X
उमर अब्दुल्ला (फोटो-PTI)
उमर अब्दुल्ला (फोटो-PTI)

Advertisement

जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल के द्वारा विधानसभा भंग करने पर नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कड़ा एतराज जताया है. हालांकि, उन्होंने कहा कि पीडीपी के साथ मिलकर नेशनल कान्फ्रेंस चुनाव नहीं लड़ेगी. हमने पीडीपी को समर्थन जम्मू-कश्मीर और देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए दिया था. हम सरकार में शामिल नहीं हो रहे थे, हम सिर्फ राज्य के 370 और 35A को बचाने के लिए समर्थन किया था.

अब्दुल्ला ने कहा हम समर्थन करके पीडीपी को नई जिंदगी दे रहे, लेकिन हमने ये फैसला सिर्फ राज्य के खिलाफ हो रही साजिश से बचाने के लिए किया. हम कुर्सी के लिए सौदेबाजी नहीं करते हैं बल्कि हम राज्य के लिए बीड़ा उठाया है.  ऐसे में हम न सरकार में शामिल होते और न ही पीडीपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे.

Advertisement

नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष उमर उब्दुल्ला ने कहा कि राजभवन में ऐसी फैक्स मशीन लगी है, जिसने देश के लोकतंत्र का गला घोंटने का काम किया है. उन्होंने कहा कि हमें सरकार बनाने की कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन जम्मू-कश्मीर के खिलाफ की जा रही साजिश के खिलाफ और राज्य के हित में नेशनल कान्फ्रेंस, कांग्रेस और पीडीपी ने तय किया कि मिलकर सरकार बनाए.

अब्दुल्ला ने कहा कि पीडीपी की ओर से सरकार बनाने के लिए राजभवन को पत्र भेजा गया, लेकिन फैक्स मशीन ऐसी थी कि वो नहीं मिला. लेकिन विधानसभा भंग करने का फैक्स चला जाता है.

उन्होंने कहा कि राजभवन में ऐसी फैक्स मशीन लगी है, जो एक इशारे पर खराब हो जाती है और फिर एक इशारे पर चलनी शुरू हो जाती है. ये ऐसी मशीन है, जिसमें केवल आउटगोइंग है, इनकमिंग नहीं.

अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य में तोड़फोड़ की राजनीति को हम भुगत चुके हैं. दोबारा से राज्य को ऐसी हालत में हम नहीं देखना चाहते थे. आज कश्मीर के बच्चे जो राज्य से बाहर दूसरे कॉलेज में पढ़ रहे हैं. उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा 35ए को सुप्रीम कोर्ट में बचाव करने के बजाय उसे खत्म करने की बात कही जा रही है. इन सब चीजों को देखते हुए हमने पीडीपी को समर्थन देने का फैसला किया था. जबकि राज्यपाल ने विधानसभा भंग करने का फैसला किया है.

Advertisement

राज्यपाल के द्वारा उठाए गए सवालों पर निशाना साधते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि बीजेपी और पीडीपी किस सोच के साथ एक साथ आए थे. जबकि हम तीनों दलों की सोच में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है. इसके अलावा उन्हें ये बताना चाहिए कि कौन सी पार्टी विधायकों की खरीद- फरोख्त करना चाहती थी.  हम तीनों दलों के पास मिलकर संख्या पूरी हो रही थी, ऐसे में राज्यपाल तो सबूत देना चाहिए कि कौन सी पार्टी विधायकों को खरीद रही थी और उसके पास पैसे कहां से आए थे.

Advertisement
Advertisement