
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में इस महीने आतंकी घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. आतंकी गैर-कश्मीरियों की टारगेट किलिंग (Target Killing) कर रहे हैं. वहीं, सेना के जवान भी आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए एनकाउंटर कर रहे हैं. इस बीच, प्रशासन ने एहतियात के तौर पर कश्मीर के कई इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवा (Mobile Internet Service) को बंद कर दिया है.
कश्मीर के जिन इलाकों में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई गई है उसमें श्रीनगर के ईदगाह, कमरवारी, शौरा, एमआर गुंग, नौहट्टा, अंचार आदि इलाके शामिल हैं. इसके अलावा, कुलगाम के वानपोह, किमोह और उत्तर पुलवामा में भी मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. घाटी के कुल 11 इलाकों में इंटरनेट सेवाएं रोकी गई हैं.
कश्मीर में इस महीने कई आम नागरिकों की हत्या की गई है. कुलगाम के वानपोह इलाके में बीते दिन बिहार के रहने वाले तीन मजदूरों पर आतंकियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी, जिसमें दो की मौत हो गई थी. एक शख्स घायल हो गया. शनिवार को भी पुलवामा और श्रीनगर में यूपी और बिहार के मजदूरों पर आतंकियों ने कहर बरपाया था, जिसमें दोनों की मौत हो गई थी.
घाटी से निकलने को मजबूर हुए कई प्रवासी मजदूर
घाटी में प्रवासी मजदूरों की हत्या के बाद डर का माहौल बन गया है. दूसरे प्रदेशों के लोग पलायन करते हुए नजर आ रहे हैं. रविवार को दो मजूदरों की हत्या के बाद सोमवार सुबह कई लोग रेलवे स्टेशन पर केंद्र शासित प्रदेश से निकलने की कोशिश करते हुए दिखाई दिए. जम्मू रेलवे स्टेशन पर भारी संख्या में लोग अपनी ट्रेनों का इंतजार करते हुए दिखे. एक मजदूर ने कहा कि वह घाटी में फिर कभी नहीं वापस आएगा, क्योंकि उन्हें आतंकी की ओर से लगातार धमकियों मिल रही हैं और आतंकी चुनकर टारगेट किलिंग कर रहे हैं.