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महबूबा कैबिनेट में बड़ा फेरबदल, कविंदर गुप्ता बने डिप्टी CM, 8 नए मंत्रियों ने ली शपथ

इसके बाद पीडीपी के मोहम्मद खलीक और अशरफ मीर ने भी मंत्री पद की शपथ ली. वहीं बीजेपी कोटे से कठुआ के विधायक राजीव जसरोटिया, सतपाल शर्मा और सुनील शर्मा ने पद और गोपनीयता की शपथ ली.

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महबूबा मुफ्ती कैबिनेट का शपथ-ग्रहण
महबूबा मुफ्ती कैबिनेट का शपथ-ग्रहण

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कठुआ कांड के बाद जम्मू-कश्मीर की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है. महबूबा मुफ्ती कैबिनेट में बड़ा फेरबदल हुआ है, जिसके तहत आज 8 नए मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की. सबसे पहले बीजेपी विधायक कविंदर गुप्ता ने मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ली. वह जम्मू-कश्मीर के नए उपमुख्यमंत्री बने. उन्होंने निर्मल सिंह की जगह ली.

इसके बाद पीडीपी के मोहम्मद खलीक और अशरफ मीर ने भी मंत्री पद की शपथ ली. वहीं बीजेपी कोटे से कठुआ के विधायक राजीव जसरोटिया, सतपाल शर्मा और सुनील शर्मा ने पद और गोपनीयता की शपथ ली. 

कौन हैं कविंदर गुप्ता?

कविंदर गुप्ता तीन सालों तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा के स्पीकर रहे हैं. साथ ही जम्मू के मेयर भी रहे हैं. 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने गांधी नगर विधानसभा सीट से चुनाव जीता था और वह पहली बार विधायक बने थे.

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कठुआ कांड के आरोपियों के समर्थन का आरोप लगने के बाद मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले विधायक लाल सिंह शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए. वह कठुआ में एक रैली करेंगे और रसाना कांड की सीबीआई जांच की मांग करेंगे.

पीडीपी कैंप से इन्हें मिली जगह

पीडीपी कोटे से मोहम्मद अशरफ मीर और मोहम्मद खलील को कैबिनेट में जगह मिली है. अशरफ मीर सोनवर और खलील पुलवामा से विधायक हैं. हाल ही में पार्टी ने वित्त मंत्री हसीब द्राबु को कैबिनेट से बाहर किया था, जिसके बाद पीडीपी कोटे से दो मंत्री पद रिक्त हैं. बता दें कि जम्मू-कश्मीर में मुख्यमंत्री समेत कुल 25 मंत्री हो सकते हैं. समझौते के तहत पीडीपी के 14 और बीजेपी के 11 मंत्री हो सकते हैं.

डैमेज कंट्रोल की कवायद

बताया जा रहा है कि कैबिनेट में फेरबदल कठुआ रेप और मर्डर कांड के बाद डैमेज कंट्रोल के तहत किया गया है. ये भी कहा जा रहा है कि जम्मू की जनता बीजेपी मंत्रियों से खुश नहीं है. दरअसल, कठुआ कांड की सीबीआई जांच की मांग बड़े पैमाने पर उठाई जा रही है, लेकिन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ऐसा करने से इनकार कर दिया है. कहा जा रहा है कि महबूबा मुफ्ती के इस कदम का बीजेपी की तरफ से विरोध न करने पर जम्मू की जनता बीजेपी नेताओं से खफा है.

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