मारे गए आतंकी बुरहान वानी की बरसी पर हंगामे की आशंका को देखते हुए अलगाववादी नेताओं के खिलाफ सुरक्षा बलों ने धरपकड़ अभियान चला रखा है. हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक और सैयद अली शाह गिलानी को उनके घर में ही नजरबंद कर दिया गया है. दूसरी ओर यासीन मलिक को सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार किया है. इनके अलावा अन्य स्थानीय नेताओं को भी गिरफ्तार किया गया है.
बुरहान वानी की बरसी पर कश्मीर के आईजीपी मुनीर खान ने कहा कि अलगाववादी नेताओं की ओर से हंगामे की आशंका को देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई है. हालांकि इंटरनेट ब्लॉक करने को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है.
स्कूलों में छुट्टी का ऐलान
बुरहान वानी की बरसी पर में भी हालात बिगड़ने की आशंका है. इसके मद्देनजर वहां की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. साथ ही राज्य सरकार ने सभी शिक्षण संस्थानों में 6 जुलाई से 10 दिन की छुट्टी का ऐलान कर दिया है.
ब्रिटेन में कार्यक्रम रद्द
हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी की याद में होने वाली रैली को ब्रिटेन ने रद्द कर दिया है. भारत सरकार की शिकायत के बाद बर्मिंघम प्रशासन ने ये कदम उठाया. कश्मीरी ग्रुप से जुड़े लोग बर्मिंघम में शनिवार को रैली करने वाले थे.
दरअसल, पिछले साल 8 जुलाई को कश्मीर में सेना ने बुरहान वानी को ढेर कर दिया था. बुरहान की याद में कुछ लोगों ने इस दिन को 'बुरहान वानी दिवस' के रूप में मनाने का ऐलान किया था. ये रैली बर्मिंघम में होनी थी, जिसके लिए बाकायदा पोस्टर भी तैयार किए गए थे.
भारत ने जताया था ऐतराज
ब्रिटेन में बुरहान वानी दिवस मनाने की खबर के बाद भारत ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया था. भारत ने सवाल किया था कि ब्रिटेन सरकार अपनी धरती पर आतंकियों के महिमामंडन की इजाजत कैसे दे सकती है. भारत के विरोध के बाद बर्मिंघम सिटी काउंसिल ने बुधवार को रैली आयोजकों को दी गई इजाजत वापस ले ली.
बता दें कि बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर घाटी में हिंसा लगातार बढ़ी है. पुलवामा, कुलगाम, शोपियां और अनंतनाग जिले बुरी तरह हिंसा की चपेट में हैं. अशांति के बीच इन इलाकों में पिछले पांच महीनों में 76 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. वहीं करीब 80 युवक आतंकियों के साथ जुड़े हैं.