जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के खाते में हुए कथित हेराफेरी के मामले में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला आज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दफ्तर पहुंच गए हैं. ईडी ने कल ही पूछताछ के लिए फारूक को नोटिस भेजा था. ईडी के नोटिस पर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने नाराजगी जताई और कहा कि ये आवाज दबाने की कोशिश है.
इससे पहले जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में पैसों की गड़बड़ी के मामले में ईडी ने 6 घंटे तक फारूक अब्दुल्ला से पूछताछ की थी. गौरतलब है कि जेके क्रिकेट संघ में कथित 113 करोड़ रुपये की धांधली का मामला काफी पुराना है. आरोप है कि इसमें से 43.69 करोड़ रुपए से ज्यादा का गबन किया गया और इस पैसे को खिलाड़ियों पर भी खर्च नहीं किया गया.
पहले ये जांच जम्मू-कश्मीर पुलिस कर रही थी, जिसके बाद अदालत ने इसे सीबीआई के हवाले सौंपा था. इसके बाद में इस पूरे केस में ईडी की एंट्री हुई थी, क्योंकि मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जोड़ा गया था. सीबीआई के मुताबिक, फारूक अब्दुल्ला के जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष रहते हुए पैसों का गबन हुआ था.
इस मामले में फारूक अब्दुल्ला के साथ क्रिकेट एसोसिएशन के तत्कालीन महासचिव मोहम्मद सलीम खान, तत्कालीन कोषाध्यक्ष अहसान अहमद मिर्जा और जम्मू कश्मीर बैंक का एक कर्मचारी बशीर अहमद मिसगर आरोपी हैं. इन लोगों पर आपराधिक साजिश और विश्वासघात का आरोप है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने लगाए ये आरोप
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता इमरान नबी डार ने कहा कि ईडी की कार्रवाई का मकसद जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों के बीच एकता का ताना-बाना बुनने के फारूक अब्दुल्ला के प्रयासों को विफल करना है. आखिर 6 घंटे की पूछताछ में ईडी ने कौन-सा सवाल नहीं पूछा, जिसके लिए फारूक साहब को फिर से नोटिस भेज दिया गया.