जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद यहां हुए जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनावों में अवाम ने कई मिथक तोड़ दिए हैं. डीडीसी चुनाव में बीजेपी ने 74 सीटों पर जीतकर दर्ज की है जबकि साथ स्थानीय पार्टियों के गुपकार गठबंधन को 112 सीटें मिली हैं. बीजेपी भले ही डीडीसी चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी हो, लेकिन स्ट्राइक रेट के मामले में नेशनल कॉन्फ्रेंस सबसे बेहतर रही है और दूसरे नंबर पर पीडीपी रही.
जम्मू-कश्मीर में कुल 280 जिला विकास परिषद सदस्यों के चुनाव हुए हैं. डीडीसी चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 183 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें 74 सीटों पर उसे जीत मिली है. इस तरह से बीजेपी के जीत का स्ट्राइक रेट 40.43 फीसदी होता है. बीजेपी ने जम्मू क्षेत्र की 140 सीटों की सभी सीटें पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से 71 सीटों पर जीत मिली है जबकि पार्टी मुस्लिम बहुल कश्मीर क्षेत्र की 140 में 53 सीटों पर लड़ी थी, जिनमें से वह तीन सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी है.
जम्मू-कश्मीर की सात स्थानीय पार्टियों ने मिलकर गुपकार गठबंधन बनाया था. गुपकार गठबंधन में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सबसे ज्यादा 132 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से 67 सीटें जीतने में कामयाब रही है. इस तरह से नेशनल कॉन्फ्रेंस की जीत का स्ट्राइक रेट 50.75 फीसदी रहा है, जो राज्य में सबसे बेहतर रहा है.
वहीं, गुपकार गठबंधन फॉर्मूले के तौर पर पीडीपी ने 67 डीडीसी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें 27 सीटों पर उसे जीत मिली है. पीडीपी की जीत का इस्ट्राइक रेट 42.85 फीसदी होता है, जो बीजेपी से दो फीसदी ज्यादा है. यही नहीं, अगर नेशनल कॉफ्रेंस और पीडीपी के जीते सदस्यों की संख्या मिला दें तो यह बीजेपी से ज्यादा होती है.
जम्मू-कश्मीर डीडीसी चुनाव में कांग्रेस ने 118 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से 26 सीटों पर उसे जीत मिली है. इस तरह से कांग्रेस का स्ट्राइक रेट करीब 22 फीसदी होता है. वहीं, 280 सीटों पर कुल 1031 निर्दलीय प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई थी, जिनमें से 49 ने जीत दर्ज की है. निर्दलीयों की जीत का स्ट्राइक रेट 4 फीसदी के करीब है. इसके अलावा गुपकार में शामिल जेकेपीएम ने 11 सीटों में से 3 सीटें ही जीत सकी है.
वहीं, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस 11 सीटों पर चुनाव लड़ी है, जिनमें 8 सीटें जीतने में कामयाब रही है. जम्मू-कश्मीर आपकी पार्टी ने गुपकार गठबंधन से अलग डीडीसी चुनाव में 134 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से उसने 12 ने जीत दर्ज की है. सीपीआईएम ने सात सीटों पर चुनाव लड़ा और पांच सीटें जीती है. इसके अलावा बाकी सीटें अन्य छोटे दलों को मिली हैं.