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DDC चुनाव: जम्मू-कश्मीर के दिग्गजों की साख दांव पर, कई पूर्व MP-MLA थे मैदान में

जम्मू-कश्मीर में पहली बार हो रहे जिला परिषद के चुनाव को काफी अहम माना जा रहा है, जिसके चलते राजनीतिक दलों के कई दिग्गज नेताओं ने भी इन चुनावों में अपनी किस्मत आजमाई है. जानकारी के मुताबिक दो दर्जन के करीब पूर्व सांसद, मंत्री, विधायक और एमएलसी इस डीडीसी चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं. 

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राज्यसभा के पूर्व सांसद त्रिलोक सिंह बाजवा ने सुचेतगढ़ सीट से चुनाव लड़ा है (फाइल फोटो)
राज्यसभा के पूर्व सांसद त्रिलोक सिंह बाजवा ने सुचेतगढ़ सीट से चुनाव लड़ा है (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पूर्व सांसद ने कांग्रेस से लड़ा जिला परिषद का चुनाव
  • पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक भी किस्मत आजमा रहे हैं
  • गुपकार गठबंधन को सबसे ज्यादा सीटें मिलती दिख रही

जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद चुनाव के नतीजे आने शुरू हो गए हैं. जम्मू-कश्मीर में पहली बार हो रहे जिला परिषद के चुनाव को काफी अहम माना जा रहा है, जिसके चलते राजनीतिक दलों के कई दिग्गज नेताओं ने भी इन चुनावों में अपनी किस्मत आजमाई है. जानकारी के मुताबिक दो दर्जन के करीब पूर्व सांसद, मंत्री, विधायक और एमएलसी इस डीडीसी चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं.

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जम्मू-कश्मीर में आठ चरण में हुए डीडीसी चुनाव में 280 सीटों पर 51.42 फीसदी मतदान हुआ, जिसमें 2178 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर है. अभी तक के आए रुझानों में गुपकार गठबंधन 75 सीटों पर आगे चल रही है जबकि 15 सीटों पर उसके प्रत्याशी जीत चुके हैं. बीजेपी 43 सीटों पर आगे चल रही है और उसके तीन प्रत्याशियों को जीत मिली है. कांग्रेस के 21 प्रत्याशी आगे हैं और उसकी एक सीट पर जीत हो चुकी है. JKAP ने 1 सीट जीत ली है और 6 पर वह आगे चल रही है. 43 सीटों पर अन्य आगे चल रहे हैं और 11 सीटों पर अन्य उम्मीदवार जीत चुके हैं.

जम्मू-कश्मीर के जिला विकास परिषद में राज्यसभा के पूर्व सांसद त्रिलोक सिंह बाजवा ने सुचेतगढ़ सीट से चुनाव लड़ा है. वो कुछ महीने पूर्व ही वह पीडीपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए थे. सुचेतगढ़ में त्रिलोक सिंह बाजवा के खिलाफ पूर्व मंत्री शाम चौधरी बीजेपी से और नेशनल कांफ्रेंस के तरणजीत सिंह टोनी मैदान में थे. इसके अलावा कांग्रेस के अन्य नेताओं में पूर्व मंत्री ताज मोहिउद्दीन, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री शब्बीर खान भी जिला परिषद के लिए किस्मत आजमा रहे थे.  

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इसके अलावा शक्ति परिहार, पूर्व विधायक प्रो गारू राम, भारत भूषण भी चुनावी मैदान में उतरे थे. वहीं, पूर्व मंत्री लाल सिंह की पत्नी और पूर्व विधयक कांता अंदोत्रा भी चुनाव लड़ रहे थे. कांग्रेस छोड़ कर अपनी पार्टी बनाने वाले पूर्व मंत्री एजाज खान रियासी जिले से चुनाव लड़े थे. 

नेशनल कांफ्रेंस के भी कई दिग्गजों ने चुनाव लड़ा है. पूर्व विधायक जगजीवन लाल, पूर्व शिक्षा मंत्री अब्दुल गनी मलिक, पूर्व एमएलसी डॉ शहनाज गनेई प्रमुख नेताओं में है, जो जिला परिषद के चुनावों में उतरे थे. पूर्व विधायक शोयब लोन अपनी पार्टी, पीडीपी के एजाज मीर, पूर्व विधायक मोहम्मद अकरम की किस्मत का भी फैसला होना है. 

पूर्व निर्दलीय विधायक चरणजीत सिंह सलाथिया ने भी चुनावों में भाग्य आजमाया है. पूर्व मंत्री मिर्जा अब्दुल रशीद के बेटे परवेज मिर्जा, जावेद राणा के बेटे जिशान राणा की किस्मत का फैसला भी होने वाला है. उधमपुर जिले में पूर्व विधायक आरएस पठानिया की पत्नी जुही मन्हास, पूर्व विधायक हर्ष देव की पत्नी मंजु सिंह दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा है. इनमें से किसी की भी हार-जीत पूरे रामनगर विधानसभा क्षेत्र पर असर डालेगी.

 

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